श्रीगंगानगर, 08 जनवरी। अपने स्वाद और मिठास के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध श्रीगंगानगर का किन्नू इस बार अपने एक बड़े निर्यातक देश बांग्लादेश तक नहीं जाएगा। इसके बांग्लादेश एक्सपोर्ट में 90 प्रतिशत तक कमी आई है। बांग्लादेश सरकार के इस पर टैक्स करीब नब्बे टका प्रति किलो तक बढ़ा देने से अब स्थानीय व्यापारी इसे वहां नहीं भेज रहे हैं। इससे उन्हें पर्याप्त मुनाफा नहीं मिल पा रहा।

ऐसे में व्यापारी अब इसे अपने दूसरे देशों भूटान, इंग्लैंड, मलेशिया, सउदी अरब आदि में भेज रहे हैं। असल में श्रीगंगानगर के कुल किन्नू उत्पादन का 30 प्रतिशत तक बांग्लादेश जाता रहा है। पिछले कुछ वर्षों में किन्नू के बांग्लादेश से व्यापार के जरिए व्यापारियों ने अच्छा लाभ कमाया है लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। करीब 3 साल पहले श्रीगंगानगर से बांग्लादेश के बनगांव तक किन्नू ट्रेन भी चलाई गई थी। इस किन्नू ट्रेन में श्रीगंगानगर से 2 हजार किलोमीटर दूर बांग्लादेश में 350 टन से ज्यादा श्रीगंगानगर का किन्नू भिजवाया गया था।

तीन दशक से हो रहा है कई देशों में निर्यात

किन्नू क्लब के मुदित जैन बताते हैं कि किन्नू का अन्य देशों को निर्यात करीब 30 साल पहले शुरू हुआ। उस समय इंग्लैंड के फल व्यापारी टॉनी बटलर श्रीगंगानगर आए थे। उन्होंने यहां के किन्नू में संभावनाएं देखीं, तो इसे इंग्लैंड मंगवाया। तब ये यह फल लगातार इंग्लैंड ही नहीं श्रीलंका, भूटान, सउदी अरब, बांग्लादेश और मलेशिया सहित कई देशों में जाता है।

व्यापारी बोले- अब अन्य देशों में खपाएंगे

किन्नू की वैक्सिंग और ग्रेडिंग कर इसे अन्य देशों में निर्यात करने वाले व्यापारी बताते हैं कि किन्नू का बांग्लादेश जाना 90 प्रतिशत तक कम हो गया है। किन्नू संघ के श्याम बगड़िया का कहना है कि एक साल तो ट्रेन चली, लेकिन अन्य वर्षों में जहां हर दिन 50 ट्रक किन्नू बांग्लादेश जाता था, वहीं इस साल यह महज 5 ट्रक प्रतिदिन ही रह गया है। किन्नू को बांग्लादेश भेजने में बड़ा खर्च तो आता ही है। इसके साथ ही वहां प्रति किलो नब्बे टका बढ़ा टैक्स अदा करने के बाद व्यापारियों को लाभ ही नहीं रह पाता है। ऐसे में अब इस किन्नू को अन्य देशों में भेजेंगे।