कोलकाता, 04 मार्च । भारतीय जनता पार्टी  ने सोमवार को निर्वाचन आयोग की पूर्ण पीठ को  ज्ञापन देकर पश्चिम बंगाल में स्वतंत्र और निष्पक्ष लोकसभा चुनाव सुनिश्चित करने के लिए केवल केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) तैनात करने की मांग की है।

पार्टी के तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने यहां निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की और कहा कि केंद्रीय आसूचना ब्यूरो (आईबी) की सूचनाओं के आधार पर क्षेत्र प्रभुत्व अभ्यास और रूट मार्च किया जाना चाहिए। भाजपा ने यह भी मांग की कि सीएपीएफ कर्मियों के रूट मार्च की निगरानी पुलिस पर्यवेक्षकों द्वारा की जानी चाहिए, न कि पश्चिम बंगाल पुलिस की स्थानीय पुलिस के द्वारा।

भाजपा ने कहा कि आम चुनाव के दौरान केवल सीएपीएफ को तैनात किया जाना चाहिए और किसी अन्य राज्य से कोई बल तैनात नहीं किया जाना चाहिए। हालांकि, अभी आम चुनाव की तारीखों का एलान नहीं हुआ है। भाजपा की राज्य इकाई के नेताओं ने मांग की कि मतदान केंद्रों के 200 मीटर के दायरे में केवल सीएपीएफ कर्मियों को ही तैनात किया जाए।

पार्टी ने कहा, ”मतदान केंद्रों के सामने कतारों की निगरानी के लिए भी होम गार्ड, नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों या पुलिस की तैनाती नहीं होनी चाहिए। पार्टी ने निर्वाचन आयोग की पूर्ण पीठ से कहा कि किसी भी अशांति या समस्या के मामले में केवल सीएपीएफ कर्मियों को हस्तक्षेप करने के लिए कहा जाना चाहिए। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में निर्वाचन आयोग की पीठ रविवार को कोलकाता पहुंची थी। सोमवार को चुनाव आयोग के अधिकारियों ने सभी दलों के नेताओं के साथ बैठक की है।

भाजपा ने यह भी मांग की कि सभी बूथ की वीडियोग्राफी पश्चिम बंगाल के बाहर की एजेंसी से कराई जानी चाहिए। पार्टी ने निर्वाचन आयोग को दिए अपने आवेदन में कहा, ”विशेष पर्यवेक्षक और विशेष पुलिस पर्यवेक्षक क्रमशः पूर्व मुख्य सचिव स्तर का अधिकारी और पूर्व महानिदेशक स्तर का अधिकारी होना चाहिए।”

भाजपा ने कहा कि राजनीतिक दलों के सभी एजेंट को प्रवेश द्वार पर बैठाया जाना चाहिए, न कि मतदान केंद्रों के अंदर और चुनाव पैनल को मतदाताओं के नामों के दोहराव पर भी नजर रखनी चाहिए। भाजपा ने यह भी दावा किया कि 2021 में विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के 45 दिनों के भीतर उसकी पार्टी के 53 लोगों की हत्या कर दी गई। इसलिए इस बार सुरक्षा का खास तौर पर ख्याल रखा जाना चाहिए।