कोलकाता, 06 जून ।न्यू जलपाईगुड़ी से हावड़ा आ रही वन्दे भारत एक्सप्रेस में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब एक बुजुर्ग यात्री अचानक बुरी तरह बीमार हो गए। चलती ट्रेन में जब चिकित्सा सुविधा की उम्मीद नहीं बची थी, तभी आरजी कर मेडिकल कॉलेज की युवा सर्जन डॉक्टर ऐश्वर्या राय ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए उस यात्री की जान बचा ली। इस घटना के बाद ट्रेन में मौजूद यात्रियों से लेकर रेलवे और आरपीएफ तक सभी ने इस डॉक्टर की तारीफ की।

मूल रूप से पुरुलिया की रहने वाली डॉक्टर ऐश्वर्या राय फिलहाल आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कार्यरत हैं। शुक्रवार सुबह डॉक्टरों के संगठन की ओर से यह जानकारी दी गई है। इसमें बताया गया है कि बीते मंगलवार को वे लाटागुड़ी में एक चिकित्सा सम्मेलन से लौट रही थीं और अपने माता-पिता के साथ वंदे भारत एक्सप्रेस के कोच C8 में सफर कर रही थीं। तभी करीब शाम 4:30 से 5:00 बजे के बीच ट्रेन में घोषणा हुई कि कोच C9 में एक बुजुर्ग यात्री की तबीयत अचानक बिगड़ गई है। रेलवे की ओर से किसी भी चिकित्सक से मदद की अपील की गई।

डॉ. ऐश्वर्या, जो अपने साथ हमेशा जरूरी चिकित्सा उपकरण और दवाइयां रखती हैं, तुरंत मौके पर पहुंचीं। उन्होंने देखा कि लगभग 70 वर्षीय अमल कुमार, जो उत्तर 24 परगना के श्यामनगर के निवासी हैं, शौचालय के सामने गिर पड़े हैं। उनका ब्लड प्रेशर 90/70 तक गिर चुका था और पल्स रेट सामान्य 72 के मुकाबले बढ़कर 118 हो गया था। उन्हें उल्टियां हो रही थीं और शरीर कांप रहा था। स्थिति बेहद नाजुक थी।

डॉ. ऐश्वर्या ने उन्हें मौके पर ही प्राथमिक उपचार दिया, दवाइयां दीं और उनके पास ही बैठकर निगरानी करती रहीं। हावड़ा स्टेशन पहुंचने से कुछ समय पहले अमल बाबू की हालत स्थिर हो गई और वे मुस्कुराते हुए अपनी सीट पर लौट आए। डॉक्टर से उन्होंने पूछा कि क्या मुझे किसी अस्पताल में भर्ती होने की ज़रूरत है? इस पर डॉक्टर ने केवल एक ईसीजी जांच कराने की सलाह दी।

घटना को याद करते हुए डॉ. ऐश्वर्या ने भावुक होकर कहा कि इस दिन को मैं कभी नहीं भूल पाऊंगी। किसी की जान बचा पाना मेरे लिए एक भावनात्मक पल था। अगर अभया दीदी होतीं, तो वह भी यही करतीं। हम सभी ने एक संकल्प लिया है कि जिस तरह उन्होंने सेवा की भावना को जिया, हम भी उसी तरह लोगों के लिए खड़े रहेंगे। यही हमारा कर्तव्य है, यही जिम्मेदारी है।

डॉक्टर ऐश्वर्या की इस तत्परता और सेवा-भावना की प्रशंसा न केवल यात्रियों और रेलवे अधिकारियों ने की, बल्कि आरपीएफ ने भी उन्हें सलाम किया। अमल कुमार और उनका पूरा परिवार उस समय दार्जिलिंग से लौट रहा था। परिवार ने कहा कि ऐश्वर्या जैसी चिकित्सक समाज की सच्ची पूंजी हैं। रेलवे के प्रवक्ता ने कहा है कि ऐश्वर्या ने जो किया है वह मानवता की मिसाल है। उनके काम को हमेशा दूसरों को याद रखना चाहिए।