जयपुर, 09 मार्च। राजस्थान के पेट्रोल पंप संचालकों ने सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। लंबे समय से वैट में कटौती नहीं करने और डीलर्स के कमीशन में बढ़ोतरी नहीं करने के कारण प्रदेशभर के पेट्रोल और डीजल पंप संचालकों ने 10 मार्च से हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। इस दौरान 11 मार्च को जयपुर में सचिवालय का घेराव करने की चेतावनी दी गई है।

राजस्थान पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह भाटी ने बताया कि राजस्थान में बढ़े हुए वैट की वजह से पेट्रोल पंप संचालकों को लगातार घाटा हो रहा है। हम लंबे वक्त से सरकार से वैट कम करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। पड़ोसी राज्यों में राजस्थान के मुकाबले काफी सस्ता पेट्रोल बिक रहा है। वहीं, दूसरी और पिछले 7 साल से डीलर्स के कमीशन में बढ़ोतरी नहीं की गई है। इस कारण राजस्थान में ज्यादातर पेट्रोल पंप बंद होने की कगार पर पहुंच गए हैं। इसको लेकर हमने 10 मार्च से 12 मार्च तक हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। इसके साथ ही प्रदेशभर के पेट्रोल पंप संचालक 11 मार्च को जयपुर में सचिवालय का घेराव भी करेंगे। ताकि अपनी वाजिब मांग को सरकार तक पहुंचा सके।

सिंह ने कहा बताया कि राजस्थान में बीजेपी सरकार के नेता चुनाव से पहले बढ़े हुए वैट कम करने की मांग करते थे। जब से बीजेपी सत्ता में आई हैं। इनके नेता वैट कम करने की बात भूल गए हैं। जबकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई वरिष्ठ भाजपा नेता सार्वजनिक मंच से राजस्थान में बढ़े हुए वैट को लेकर नाराजगी जाहिर कर चुके हैं, लेकिन राजस्थान में बीजेपी सरकार बनने के बाद इस तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसकी वजह से न सिर्फ पेट्रोल पंप संचालक, बल्कि आम जनता का भी शोषण हो रहा है।

जयपुर पेट्रोल पंप डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष लादू सिंह ने बताया कि सरकार ने पिछले सात साल से पेट्रोल पंप संचालकों के कमीशन में वृद्धि नहीं की है, जबकि सात सालों में महंगाई बढ़ गई। कर्मचारियों की सैलेरी बढ़ गई, किराया-भाड़ा तक बढ़ गया है। इसके बावजूद हमारा कमीशन नहीं बढ़ रहा है, जिसे अब बढ़ाया जाना चाहिए। इसके साथ ही तेल कंपनियों द्वारा हम पर हाई स्पीड पेट्रोल और ऑयल खरीदने का दबाव नहीं बनाया जाना चाहिए, क्योंकि जनता सामान्य पेट्रोल खरीदना पसंद करती है। ऐसे में महंगा तेल बेचना मुश्किल हो जाता है। इससे पहले राजस्थान पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने 13, 14 और 15 सितंबर को भी हड़ताल कर सरकार से वेट में कटौती की मांग की थी। लेकिन तब सरकार ने कमेटी का गठन कर पेट्रोल पंप डीलर एसोसिएशन की हड़ताल को खत्म करवा दिया था।

भारत में सबसे महंगा फ्यूल राजस्थान के श्रीगंगानगर में बिक रहा है। यहां एक लीटर पेट्रोल की कीमत 113.30 रुपए प्रति लीटर और डीजल की कीमत 98.07 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गई है। वहीं, महाराष्ट्र के परभणी में पेट्रोल 109.26 रुपए प्रति लीटर और डीजल 95.66 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है।