कोलकाता, 4 जनवरी ।  पश्चिम बंगाल में सरकारी स्कूलों में नौकरी के बदले करोड़ों रुपये की वसूली के मामले में प्रवर्तन निदेशालय  के अधिकारियों ने बुधवार रात अचानक बड़ा कदम उठाया है।

मुख्य आरोपी सुजय कृष्ण भद्र को उनकी आवाज के नमूने रिकार्ड करने के उद्देश्य से एसएसकेएम मेडिकल कॉलेज अस्पताल से निकालकर केंद्र संचालित ईएसआई अस्पताल ले जाया गया। ईडी के एक अधिकारी ने बताया है कि ईएसआई अस्पताल में उनकी चिकित्सकीय जांच के बाद एक अलग कमरे में ले जाकर आवाज के नमूने रिकॉर्ड किए गए हैं।

यह प्रक्रिया रात भर चलती रही और सुबह 3:20 बजे उन्हें वापस एसएसकेएम अस्पताल पहुंचा दिया गया।

बुधवार रात करीब साढ़े आठ बजे प्रमुख जांच अधिकारी मिथिलेश कुमार मिश्रा और मुकेश कुमार के नेतृत्व में ईडी की टीम एम्बुलेंस से एसएसकेएम पहुंची। कार्डियोलॉजी विभाग में भद्र के केबिन के बाहर तैनात सीएपीएफ कर्मियों के साथ ईडी अधिकारी कमरे में दाखिल हुए।

बाधा बनने की कोशिश कर रहे थे सरकारी अस्पताल के अधिकारी

सूत्रों ने बताया है कि राज्य के इस सरकारी अस्पताल के अधीक्षक सहित अन्य चिकित्सकों ने इसे लेकर रोड़ा बनने की कोशिश की लेकिन ईडी ने साफ कर दिया कि कोर्ट का आदेश है जो कोई भी बीच में आएगा उसे हिरासत में लेकर साथ ले जाएंगे।

इसके बाद काकू को ईएसआईएस अस्पताल ले जाने का रास्ता साफ हुआ। रात 9:30 के करीब ईडी की टीम उन्हें लेकर ईएसआई जोका के लिए रवाना हुई।

संयोग से, बुधवार दोपहर को ईएसआई अस्पताल का एक चिकित्सा विशेषज्ञ भद्र की आवाज के नमूने की जांच के लिए आवश्यक संभावित समय के बारे में एकल-न्यायाधीश पीठ को जानकारी देने के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय में मामले की बंद कमरे में सुनवाई के दौरान उपस्थित था।

रात 9.20 बजे ईडी अधिकारियों और सीएपीएफ कर्मियों के साथ भद्रा एसएसकेएम से बाहर आए और अस्पताल के बाहर खड़ी एम्बुलेंस में चढ़ गए। मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि ईएसआई अस्पताल में भद्रा की आवाज का नमूना परीक्षण करने की सभी तैयारियां पहले ही हो चुकी थीं।