उचित प्रतिनिधित्व की मांग
जयपुर 17 अक्टूबर। राजस्थान जाट महासभा का विशेष अधिवेशन 28 अक्टूबर को आयोजित किया जा रहा है। इसमें कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी से विधानसभ चुनाव में समाज को उचित प्रतिनिधित्व देने की मांग की जाएगी।
महासभा के अध्यक्ष राजाराम मील ने बताया कि अधिवेशन में महासभा के राज्य भर से पदाधिकारी भाग लेंगे और विधानसभा चुनाव को लेकर जाट समाज की भूमिका के बारे में महत्वपूर्ण फैसले लिए जायेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी द्वारा जाट समाज की लगातार उपेक्षा की जा रही है। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से जाट समाज को वर्ष 2013 के विधानसभा चुनावों के मुकाबले छह टिकटे कम दी गई थी।
उन्होंने कहा कि अगर जाट समाज को उचित प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया तो समाज कड़ा फैसला लेने के लिए मजबूर होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले पांच साल में जाट समाज को हाशिये पर धकेलेने की पूरी कोशिश की गई हैं, चाहे ओबीसी आरक्षण में विसंगति को हटाने में देरी के संबंध में हो या उस विसंगति के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिए शेडोपोस्ट की मुख्य मांग को दरकिनार के संबंध में हो, लगातार देखा जा रहा है कि समाज के खिलाफ षड़यंत्र करने वालों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
मील ने कहा कि राज्य में जाट समाज की आबादी 20 प्रतिशत है । जाट समाज हमेशा से कांग्रेस के साथ रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों हुए जाट महाकुंभ में हमारी मुख्य मांग थी कि जिनकी जितनी भागीदारी उनकी उतनी हिस्सेदारी के फार्मूले से जाट समाज को 40-40 सीटे दोनों मुख्य पार्टियों द्वारा दी जाये। उन्होंने कहा कि हालांकि भाजपा द्वारा सीटों में लगातार बढ़ोत्तरी के बावजूद पूरा कोटा नहीं दिया जा रहा है। अधिवेशन में इन सब मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।