
मुख्यमंत्री ने परिवार की मांग पर लिया फैसला
परिजनों की मांग-एम्स के डॉक्टर करें पोस्टमार्टम
चंडीगढ़, 20 अगस्त । हरियाणा के भिवानी में महिला अध्यापिका की मौत पर छिड़े बवाल के बाद सरकार ने इस केस की जांच सीबीआई को सौंप दी है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने मंगलवार रात करीब 2 बजे सोशल मीडिया एक्स पर इस बारे में जानकारी दी। इस मामले में सरकार भिवानी के एसपी का तबादला करने के अलावा थाना प्रभारी समेत कई पुलिस कर्मियों को निलंबित कर चुकी है।
अध्यापिका मनीषा 11 अगस्त को नर्सिंग कॉलेज में दाखिले के लिए घर से निकली लेकिन वापस नहीं आई। 13 अगस्त को सिंघानी गांव के खेतों में मनीषा का शव मिला। 14 अगस्त को पोस्टमार्टम में मनीषा का गला कटा मिला लेकिन रेप की पुष्टि नहीं हुई। तब से परिजन तथा ग्रामीण धरना दे रहे हैं और अभी तक मनीषा का अंतिम संस्कार नहीं हुआ है। प्रदेश सरकार द्वारा भिवानी में 21 अगस्त तक इंटरनेट बंद किए गए हैं।
पुलिस इसे आत्महत्या का मामला मान रही है। इस उठापटक के बीच अभी तक मनीषा का अंतिम संस्कार नहीं किया गया है। हजाराें की संख्या में लाेग जगह -जगह धरना दे रहे हैं। रातभर हरियाणा सरकार के आला अधिकारियों तथा मनीषा के परिजनों के बीच बैठक चलती रही। परिवार की मांग पर प्रशासन मनीषा का अब तीसरी बार एम्स में पोस्टमॉर्टम करवाने के लिए राजी हो गया है।
बुधवार सुबह गांव में हुई कमेटी की मीटिंग में फैसला लिया गया कि पहले एम्स के डॉक्टर मनीषा के सैंपल लें, उसके बाद ही शव उठाया जाएगा। मनीषा के पिता संजय ने कहा कि अगर सरकार हमारी मांगें प्रूफ करके देगी तो हम धरना खत्म कर देंगे। इस दौरान उन्होंने अपने सपोर्ट में खड़े लोगों को भी धन्यवाद कहा। साथ ही उन्होंने साफ किया कि उनपर किसी प्रकार का दबाव नहीं है।