उज्जैन, 25 मार्च। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर के मंदिर में सोमवार सुबह भस्म आरती के दौरान गर्भगृह में आग लग गई। इसमें पुजारी समेत 13 लोग झुलस गए। बताया जा रहा है कि आरती के दौरान गुलाल उड़ाने से आग भड़की। हादसे के समय मंदिर में हजारों श्रद्धालु महाकाल के साथ होली मना रहे थे। घायलों में 6 की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिन्हें इंदौर रेफर किया गया है।
सोमवार तड़के चार बजे महाकाल मंदिर में भस्मारती में रंग और गुलाल उड़ाया जा रहा था। इसी दौरान पुजारी कपूर से महाकाल की आरती भी कर रहे थे। इस दौरान अचानक आग भड़की और ऊपर लगे फ्लैक्स को अपनी चपेट में ले लिया। बताया जाता है कि इसका जलता हुआ हिस्सा नीचे आ गिरा। इसकी चपेट में आकर पांच पुजारी झुलस गए। करीब छह सेवक भी आग से झुलसे हैं। कुल 13 लोग आग की चपेट में आ गए। घटना में सत्यनारायण, चिंतामन, रमेश, अंश, शुभम, विकास, महेश, मनोज, संजय, आनंद, सोनू और राजकुमार नाम के पुजारी और सेवक झुलसे हैं। अग्निशमन यंत्रों से आग पर काबू पाया गया।
घटना के दौरान मुख्यमंत्री मोहन यादव के बेटे और बेटी भी मंदिर में मौजूद थे। दोनों भस्मारती दर्शन करने गए थे। दोनों सुरक्षित हैं। दो पुजारियों को उपचार के लिए इंदौर रेफर किया गया है। आग गर्भगृह के साथ ही नंदीहॉल के बाहरी हिस्से में लगी। घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
सूचना पर कलेक्टर नीरज सिंह और एसपी प्रदीप शर्मा अस्पताल पहुंचे। सभी घायलों को जिला अस्पताल पहुंचाया गया। यहां से चार लोगों को इंदौर रेफर किया गया है। कलेक्टर नीरज सिंह के अनुसार सभी की हालत खतरे से बाहर है। कुछ लोगों का कहना है कि मंदिर में गुलाल उड़ाते समय आग अचानक भड़क गई।
कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश
एक सेवक ने बताया कि आरती के दौरान किसी पुजारी पर गुलाल डाल दिया गया। यह गुलाल दीपक पर गिरा और आग भभक गई। आशंका जताई जा रही है कि केमिकल युक्त गुलाल से आग लग गई। मंदिर में रंग और गुलाल से गर्भगृह की चांदी की दीवार को सुरक्षित करने के लिए कुछ फ्लैक्स भी लगाए गए हैं। वे भी आग की चपेट में आ गए। आग पर बाद में काबू पा लिया गया।
कलेक्टर नीरज सिंह के अनुसार मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। इसके लिए एक कमेटी बनाई जाएगी। हादसे के बाद महाकाल मंदिर में अफरातफरी के हालात निर्मित हो गए।
डाक्टरों के देरी से पहुंचने पर पुजारी नाराज
घटना के बाद सभी झुलसे लोगों को जिला अस्पताल ले जाया गया था। हालांकि डॉक्टर मौके पर नहीं थे। डाक्टरों के देरी से आने पर पुजारी नाराज हुए। ताबड़तोड़ अधिकारियों को फोन किया गया। घटना की सूचना मिलते ही कलेक्टर नीरज सिंह और एसपी प्रदीप शर्मा भी मौके पर पहुंचे। बाद में चार पुजारियों को इंदौर अरबिंदो अस्पताल रैफर किया गया।