जयपुर, 08 फ़रवरी। कांग्रेस ने प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा गुरुवार को विधानसभा में प्रस्तुत लेखानुदान बजट को दिशाहीन, विजनविहीन और प्रदेश की आठ करोड़ जनता के लिए घोर निराशाजनक बताते हुए इसे जनाकांक्षाओं के विपरीत भ्रामक बजट की संज्ञा दी है।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान की वित्त मंत्री द्वारा पेश किए गए लेखानुदान में प्रदेश के लिए विजन की बजाय पूर्ववर्ती सरकार पर आरोप ही दिखाई दिए हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि राजस्थान सरकार पर कर्ज दो लाख करोड़ बढ़ गया, पर मैं उनकी जानकारी में लाना चाहूंगा कि भारत सरकार पर यूपीए सरकार के समय 2014 तक 55 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था जो 2023 तक 106 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 161 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
राजस्थान सरकार के सभी फाइनेंसियल इंडिकेटर भारत सरकार से बेहतर रहे हैं। राजस्थान की स्टेट जीडीपी 2018 में करीब 9 लाख करोड़ थी जो 2023 में लगभग 15 लाख करोड़ रुपये हो गई एवं राजस्थान आर्थिक विकास दर में उत्तर भारत में नंबर 1 और देश में नंबर 2 तक पहुंचा।
उन्होंने आरोप लगाया कि आज के लेखानुदान से राजस्थान की भाजपा सरकार ने “मोदी की गारंटी” की हवा निकाल दी है क्योंकि मोदी जी ने चुनाव में राजस्थान में पेट्रोल-डीजल की कीमतें गुजरात और यूपी जैसे पड़ोसी राज्यों के समान करने की गारंटी दी थी पर आज लेखानुदान में इसका जिक्र तक नहीं किया गया है। यह दिखाता है कि मोदी की गारंटी पूरी तरह खोखली हैं। वैसे गारंटी शब्द ही मोदीजी ने कांग्रेस के कैंपेन से चुराया है।
गहलोत ने कहा कि किसान विरोधी सोच को प्रदर्शित करते हुए भाजपा सरकार ने हमारी सरकार द्वारा शुरू किए गए पृथक कृषि बजट को समाप्त कर दिया है जबकि वर्तमान बीजेपी सरकार के माननीय कृषि मंत्री ने पदभार संभालने के बाद हमारी इस पहल का स्वागत किया था। इसके अलावा लेखानुदान में सीतापुरा से अंबाबाड़ी मेट्रो की डीपीआर की घोषणा करना बताता है कि 10 वर्ष पहले भी हमारी सरकार का विजन सही था। अगर पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने इसका काम बंद नहीं किया होता तो कम लागत में ही मेट्रो तैयार हो चुकी होती और आज जयपुर में बनी भारी ट्रैफिक जाम की स्थिति नहीं बनती।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटसरा ने कहा कि राजस्थान की भाजपा सरकार द्वारा पेश किये किये लेखानुदान बजट से किसान, युवा, महिलाएं समेत समाज का हर वर्ग खुद को ठगा महसूस कर रहा है। भाजपा ने घोषणा पत्र में पीएम किसान सम्मान निधि में वित्तीय सहायता 12,000 रुपये प्रति वर्ष देने का वादा किया था जिसे सिर्फ 8,000 रुपये प्रति वर्ष किया गया।
गेहूं की एमएसपी पर बोनस देकर 2700 रुपये प्रति क्विंटल खरीदने का वादा भी अधूरा रहा सामाजिक सुरक्षा पेंशन को 1500 रुपये करने का वादा करके सत्ता में आए लेकिन सिर्फ 150 रुपये बढ़ाकर 1150 रुपये पेंशन करने की घोषणा की गई। भाजपा सरकार ने जनता की उम्मीदों पर पानी फेरते हुए बजट में ना तो पेट्रोल-डीजल पर वैट कटौती करके राहत दी और ना ही नई भर्तियों पर कोई स्पष्ट घोषणा की। गारंटी का जुमला, लोकलुभावने वादे और जनता को भ्रमित करके सत्ता में आई भाजपा सरकार के पहले ही बजट में कथनी और करनी का अंतर स्पष्ट दिखाई दिया
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि प्रदेश की जनता पिछले दो महीनों से पेट्रोल-डीजल के वैट की दरों में कमी का इंतजार कर रही है परन्तु लेखानुदान में इसका कहीं उल्लेख नहीं किया जाना प्रदेश की जनता के हितों पर कुठाराघात होने के साथ ही विधानसभा चुनावों में भाजपा द्वारा किये गये महंगाई कम करने के वायदों को झूठा साबित करता है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने बिजली कम्पनियों का कुल घाटा सवा लाख करोड़ से अधिक बता तो दिया लेकिन इसे कम करके जनता को किस प्रकार राहत प्रदान की जायेगी, इसका कोई विजन प्रस्तुत नहीं किया है। उन्होंने कहा कि अवैध बजरी खनन को रोकने की वाहवाही तो भाजपा सरकार ले रही है परन्तु आम नागरिक को निर्माण के लिए बजरी नहीं मिल रही है और जो थोड़ी-बहुत बजरी मिल रही है वह भी बहुत मंहगें दामों पर मिल रही है। जनता को सरकार से उम्मीद थी कि बजरी नीति पर ठोस कदम उठाये जायेंगे परन्तु इस सम्बन्ध में बजट भाषण में उल्लेख नहीं किया जाना जनता के लिए निराशाजनक है। विगत् कांग्रेस सरकार द्वारा प्रारम्भ किये गये पृथक कृषि बजट को समाप्त किया जाना भाजपा सरकार की किसान विरोधी सोच को प्रदर्शित करता है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार का यह बजट भ्रम पैदा करने वाला है। पूरे बजट भाषण में विगत् सरकार को कोसने के अतिरिक्त कुछ नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि नई सरकार की जिस प्रकार की साफ सोच होनी चाहिए उसका अभाव बजट भाषण में साफ दिखाई देता है।