शिमला, 17 फरवरी। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शनिवार को विधानसभा में वितीय वर्ष 2024-25 का बजट पेश किया। बजट में कोई नया कर नहीं लगाया गया है। वित मंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल के दूसरे बजट में मुख्यमंत्री सुक्खू ने विभिन्न वर्गों को खुश करने का प्रयास किया गया है। मुख्यमंत्री ने आगामी वित वर्ष के लिए 58 हजार 444 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। यह पिछले वर्ष के बजट की तुलना में पांच हजार करोड़ अधिक है।
विधानसभा में अढ़ाई घंटे चले बजटीय भाषण में मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2024-25 में राजस्व प्राप्तियां 42 हजार 153 करोड़ रहने का अनुमान है, जबकि कुल राजस्व व्यय 46 हजार 667 करोड़ रूपये अनुमानित है। इस प्रकार कुल राजस्व घाटा 4 हजार 514 करोड़ रुपये अनुमानित है। बजट में राजकोषीय घाटा 10 हजार 784 करोड़ रुपये अनुमानित है, जो कि प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद का 4.75 प्रतिशत है।
मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि आगामी वित वर्ष के बजट में 100 रूपये में से वेतन पर 25 रूपये, पैंशन पर 17 रूपये, ब्याज अदायगी पर 11 रूपये, ऋण अदायगी पर 9 रूपये, स्वायत संस्थानों के लिए ग्रांट पर 10 रूपये, जबकि शेष 28 रूपये पूंजीगत कार्यों सहित अन्य गतिविधयों पर खर्च होंगे।
मनरेगा मजदूरों की दिहाड़ी 60 रूपये बढ़ाई, कर्मचारियों को 4 फीसदी डीए, आउटसोर्स कर्मचारियों को 12 हजार न्यूनतम वेतन
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट में प्रदेश के मनरेगा मजदूरों की दिहाड़ी 240 रूपये से बढ़ाकर 300 रूपये की है। उन्होंने कहा कि पहली बार मनरेगा मजदूरों की दिहाड़ी में 60 रूपये की ऐतिहासिक वृ़िद्ध हुई है। अन्य दिहाड़ीदारों को 25 रूपये बढ़ौतरी के साथ 400 रूपये प्रतिदिन दिहाड़ी मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने विधानसभा में बजट पेश करते हुए कहा कि कर्मचारियों के एरियर के भुगतान को लेकर सरकर गंभीर है और सभी कर्मचारी व पेंशनर्स का एरियर भुगतान एक मार्च 2024 से चरणबद्ध तरीके से दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक जनवरी 2016 से 31 दिसंबर 2021 के बीच सेवानिवृत हुए कर्मचारियों के लीव इन कैशमेंट एड ग्रेच्यूटी से संबंधित एरियर्ज का भुगतान भी चरणबढ़ ढंग से एक मार्च 2024 से शुरू किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों को एक अप्रैल 2024 से चार प्रतिशत की दर से मंहगाई भत्ते की किश्त जारी करने का एलान किया। उन्होंने कहा कि एक अप्रैल 2024 के बाद कर्मचारी अपने सेवाकाल में कम से कम दो बार एलटीसी की सुविधा ले सकेंगे। एसएमसी शिक्षकों के मानदेय में 1 हजार 900 रूपये, आईटी शिक्षकों को एक हजार 900 रूपये और एसपीओस को 500 रूपये प्रतिमाह बढ़ौेतरी की गई है। मुख्यमंत्री ने आउटसोर्स कर्मचारियों को 12 हजार न्यूनतम वेतन का एलान किया है।
बजट में सात नई योजनाओं की घोषणा
अपने कार्यकाल के दूसरे बजट में मुख्यमंत्री ने सात नई योजनाओं की घोषणा की है। इनमें राजीव गांधी प्राकृतिक खेती स्टार्ट-अप योजना, भेड़-बकरी पालक प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री सुख आरोग्य योजना, मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना, महर्षि वाल्मीकि कामगार आवास योजना, अपना विद्यालय मेरा विद्यालय मेरा सम्मान और मुख्यमंत्री हरित विकास छात्रवृति योजना शामिल हैं। इसके अलावा तीन नई नीतियां भी घोषित की गई हैं। इनमें औद्योगिक प्रोत्साहन व निवेश नीति, स्टार्ट अप नीति और हिमाचल प्रदेश माइंस एंड मिनरलर्स पाॅलिसी शामिल हैं।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का बढ़ा मानदेय, शिलाई अध्यापकों पैरा वर्कस को भी सौगात
बजट में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में बढ़ौतरी हुई है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अब 10 हजार रूपये प्रति माह, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 7 हजार रूपये, आंगनबाड़ी सहायिका को 5 हजार 500 रूपये, मिड डे मील वर्कर्ज को 4 हजार 500 रूपये, शिक्षा विभाग के वाटर कैरियर को 5 हजार रूपये, जलरक्षक को 5 हजार 300 रूपये, जल शक्ति विभाग के मल्टी पर्पस वर्कंरस को 5 हजार रूपये, पैरा फिटर व पंप आॅपरेटर को 6 हजार 300 रूपये, पंचायत चैकीदार को 8 हजार रूपये, राजस्व चैकीदार को 5 हजार 800 रूपये, राजस्ब लंबरदार को 4 हजार 200 रूपये मिलेंगे। शिलाई अध्यापिकाओं के मानदेय में 500 रूपये, पंचायत वैटनरी असिस्टैंट को मासिक 7 हजार 500 रूपये मिलेंगे।