नयी दिल्ली, 02 नवम्बर। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) पांच नवम्बर से ‘पूर्वोत्तर अध्ययन यात्रा’ शुरू करेगी। इस यात्रा के तहत देशभर के अलग-अलग राज्यों के 75 विद्यार्थी पूर्वोत्तर राज्यों की प्राकृतिक विविधता, पारिवारिक और सामाजिक संरचना की दृष्टि से अध्ययन करने के लिए भ्रमण करेंगे।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के बुराड़ी में सात से 10 दिसम्बर तक होने वाले अभाविप के 69वें राष्ट्रीय अधिवेशन को लेकर गुरुवार को यहां प्रेस क्लब में संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस दौरान ‘अमृत महोत्सव वर्ष’ में होने वाले इस अधिवेशन को लेकर पोस्टर का विमोचन किया गया। इस मौके पर अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल, राष्ट्रीय मंत्री हुश्यार मीणा, राष्ट्रीय मीडिया संयोजक आशुतोष सिंह, दिल्ली के प्रदेश मंत्री हर्ष अत्री तथा प्रदेश सह-मंत्री मीनाक्षी खनाल भी संवाददाता सम्मेलन में मौजूद थे।
शुक्ल ने संवाददाताओं को बताया कि चार दिवसीय इस अधिवेशन में देश के हर कोने से विद्यार्थी भाग लेंगे। उन्होंने बताया कि अधिवेशन में अभाविप की 75 वर्षों की संगठनात्मक यात्रा के महत्वपूर्ण पड़ावों से विद्यार्थियों को परिचित कराने, छात्र आंदोलन की प्रमुख शक्ति के रूप में विद्यार्थी परिषद के योगदान को बताया जायेगा। देश के सभी भागों से अधिवेशन में भाग ले रही युवाशक्ति द्वारा देश की विविधता में एकता का स्वरूप को दर्शाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि आधुनिकता के साथ विद्यार्थी अपनी जड़ों से भी परिचित रहें तथा भारत की एक राष्ट्र के रूप में सतत् गतिमान यात्रा के स्वरूप को समझ सकें, इसके लिये विभिन्न प्रयास करने की योजनायें अधिवेशन में बनायी गयी हैं।
खनाल ने कहा कि अभाविप का राष्ट्रीय अधिवेशन बुराड़ी के डीडीए मैदान होगा और इसके लिये यहां एक अस्थायी नगर बसाया जायेगा। इस पूरे नगर का नाम पांडवकालीन राजधानी रही इंद्रप्रस्थ नगर नाम रखा गया है। इस नगर के मुख्य सभागार का नाम अभाविप के राष्ट्रीय संगठन मंत्री एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह-सरकार्यवाह रहे दिवंगत मदनदास दैवी के नाम पर रखा गया है। साथ ही इस इंद्रप्रस्थ नगर के आवासीय परिसरों के द्वारों के नाम महाराज सूरजमल तथा सम्राट मिहिर भोज के नाम पर रखा जायेगा।
पदाधिकारियों ने बताया कि अभाविप अपनी संगठनात्मक यात्रा के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में पूर्वोत्तर भारत के राज्यों का शेष भारत के युवाओं से गहन परिचय कराने के उद्देश्य से अन्तर-राज्य छात्र जीवन दर्शन (सील) के तहत ‘पूर्वोत्तर अध्ययन यात्रा’ आयोजित कर रही है। इसमें देशभर के अलग-अलग राज्यों के 75 विद्यार्थी पूर्वोत्तर राज्यों की प्राकृतिक विविधता, पारिवारिक तथा सामाजिक संरचना आदि की दृष्टि से अध्ययन करने के लिये भ्रमण करेंगे। यह यात्रा पांच नवम्बर को असम के गुवाहाटी से शुरू होगी। इस मौके पर पूर्वोत्तर अध्ययन यात्रा के पोस्टर का भी विमोचन किया गया।