
हुगली, 14 जुलाई। जिले के चुंचुड़ा सुकांत नगर के निवासी दीपक विश्वास एक दिन पहले ही उड़ीसा से अपने घर लौटे है। दीपक को बांग्लादेशी समझकर उड़ीसा में हिरासत में ले लिया गया था।
दीपक के भाई सुमन विश्वास ने सोमवार शाम “हिन्दुस्थान समाचार” से विशेष बातचीत के दौरान बताया कि जब दीपक उड़ीसा में फंसे हुए थे तो वे लोग यहां स्थानीय थाने में गए लेकिन उन्हें कोई सहयोग नहीं मिला। वे तृणमूल नेताओं के पास भी गए लेकिन उनकी ओर से भी कोई सहयोग नहीं मिला। भाजपा नेता दीपांजन गुहा ने हमारा काफी सहयोग किया और उनके सहयोग से ही मेरा भाई लौटा है। स्थानीय प्रशासन या तृणमूल कांग्रेस की ओर से हमें कोई सहयोग नहीं मिला लेकिन वे श्रेय लेने की होड़ में आगे हैं।
उल्लेखनीय है कि रविवार को चुंचुड़ा में तृणमूल कांग्रेस ने उड़ीसा से लौटे देवाशीष दास को लेकर एक बड़ी रैली निकाली थी। इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया था कि भाजपा शासित राज्यों में बंगालियों को बांग्लादेशी बताकर उनपर अत्याचार किया जा रहा है।
दीपक विश्वास के उड़ीसा से लौटने के बाद भाजपा प्रदेश सचिव दीपांजन गुहा के नेतृत्व में भाजपा की एक टीम सोमवार को दीपक के घर पहुंची और उनका हालचाल जाना।
प्रदेश भाजपा के सचिव दीपांजन गुहा ने कहा कि यह समस्या वामपंथियों और तृणमूल कांग्रेस की देन है। पहले वे घुसपैठ कराते हैं और बाद में धर्म बदलकर घुसपैठियों को मतदाता सूची में शामिल करवाते हैं। इससे देश की सुरक्षा को खतरा है। इसलिए देश में मतदाता सूची में सफाई अभियान चलाया जा रहा है। भाजपा नेता ने सवाल किया कि उड़ीसा से श्रमिकों के लौटने के बाद उनको लेकर रैली निकालने वाले विधायक असित मजूमदार तब कहां थे जब ये लोग वहां फंसे हुए थे। खबर लिखे जाने तक इस मामले में तृणमूल कांग्रेस की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई थी।