
रांची, 22 जून। पूर्व मंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा कि नगड़ी मौजा में खेतीयोग्य खतियानी जमीन नगड़ी के रैयतों और ग्रामीणों के जीवन-यापन से जुड़ा मामला है। यहां न तो झारखण्ड में स्वास्थ्य सुविधा बढ़ाने का कोई विरोध कर रहा है और न ही किसी को रिम्स-दो से कोई परहेज है।
कार्यकारी अध्यक्ष बंधु ने झारखण्ड में स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के मामले में स्वास्थ्य मंत्री को बधाई है कि वे झारखण्ड में रिम्स-दो, तीन और चार का निर्माण करें और झारखण्ड की स्वास्थ्य सुविधाओं को विश्व स्तरीय बनायें। लेकिन इसके लिये नगड़ी मौजा की खतियानी खेतीयोग्य जमीन का अधिग्रहण करना कहीं से भी उचित नहीं है। यहां वैसे ही आबादी के अनुपात में कृषि योग्य जमीन बहुत कम है और यहां के लोग अपने जीवन-यापन के लिये केवल उसी पर निर्भर हैं।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि अपनी खेती की जमीन को बचाना नगड़ी के रैयतों और ग्रामीणों के लिये ऐसा ज्वलंत मुद्दा है जिसके लिये सभी को संवेदनशील होना ही पड़ेगा। उन्होंने कहा कि किसी भी विकास योजना या फिर रिम्स-दो जैसी परियोजनाओं के लिये यदि नगड़ी मौजा की खतियानी जमीन ली जायेगी तो कोई यह मानकर ना बैठे कि आदिवासी खामोशी से विस्थापन और पलायन का शिकार होते रहेंगे। उन्होंने कहा कि कभी खान-खदान तो कभी किसी अन्य विकास योजना और कभी किसी औद्योगिक समूह के लिये जमीन अधिग्रहण की कीमत गरीब आदिवासी बहुत चुका चुके हैं। विस्थापन और पलायन का दंश भी आदिवासी बहुत झेल चुके हैं और यह अब बर्दाश्त से बाहर की बात है।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री को अपने विभागीय अधिकारियों को यह आदेश देना चाहिये कि वे रांची या झारखण्ड में किसी अन्य उपयुक्त जमीन का चयन करे जहां रिम्स-दो का निर्माण हो सके, क्योंकि नगड़ी में यह निर्माण पूरी तरीके से अनुचित और अप्रासंगिक है।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री को अपने बड़बोलेपन की बजाय झारखण्ड की जमीनी समस्याओं, वास्तविकता पर नजर डालनी चाहिए। उन्हेंं अब तक झारखण्ड में हुई राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, औद्योगिक और अन्य गतिविधियों के आधार पर समझ के स्तर काे बढाना चाहिये। तब उन्हें अच्छी तरीके से पता चल जायेगा कि झारखण्ड में कितनी खेती योग्य ज़मीन है, कितनी पठारी और जंगल कितने क्षेत्रफल में हैं। वहीं कितनी जमीन सरकारी है जहां विकास की अपार संभावनायें हैं। लेकिन जमीनी वास्तविकताओं से मुंह फेर कर जिस प्रकार से नगड़ी में रिम्स-दो के निर्माण के लिये स्वास्थ्य मंत्री का उतावलापन दिखाई दे रहा है वह केवल उनकी अदूरदर्शिता को ही दिखलाता है।