-राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने किया राष्ट्रपति निकेतन व तपोवन का उद्घाटन-आज का युग विज्ञान और प्रौद्योगिकी का युग है : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु

देहरादून, 20 जून । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अपना जन्मदिन शुक्रवार को राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान, देहरादून में बच्चों के साथ मनाकर एक भावुक और प्रेरणादायक मिसाल पेश की। इस मौके पर उन्होंने दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए विज्ञान, तकनीक और समावेशिता को ज़रूरी बताया।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि आज का युग विज्ञान और प्रौद्योगिकी का युग है। उन्नत प्रौद्योगिकी की मदद से दिव्यांग भी मुख्यधारा में अपना योगदान दे सकते हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि किसी देश या समाज की प्रगति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उस समाज में लोग दिव्यांग व्यक्तियों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं। भारत का इतिहास संवेदनशीलता और समावेशिता की प्रेरक घटनाओं से भरा है। हमारी संस्कृति और सभ्यता में मानवीय करुणा और प्रेम के तत्व हमेशा मौजूद रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सुगम्य भारत अभियान एक सुलभ भौतिक वातावरण, परिवहन, सूचना और संचार पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने पर जोर देता है, सरकार दिव्यांग सशक्तिकरण और समान भागीदारी के लिए प्रयास कर रही है।

राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान की समावेशी शिक्षा प्रणाली और नवीनतम तकनीकी संसाधनों के माध्यम से छात्रों के सर्वांगीण विकास पर किए जा रहे कार्य की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि समाज को जीवन के हर क्षेत्र में दिव्यांग व्यक्तियों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रयास करने चाहिए।

इस दौरान राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान के छात्रों से बातचीत की और मॉडल स्कूल विज्ञान प्रयोगशाला और कंप्यूटर प्रयोगशाला के साथ-साथ एक प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।

राष्ट्रपति निकेतन और तपोवन का उद्घाटन:इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रपति निकेतन, राष्ट्रपति तपोवन, कैफेटेरिया, स्मारिका दुकान और आगंतुक सुविधा केंद्र का उद्घाटन किया।उन्हाेंने राष्ट्रपति निकेतन में राष्ट्रपति उद्यान की आधारशिला रखीं। उद्धाटन कार्यक्रम में राज्यपाल लेफ्टिनेंट (से.नि.) गुरमीत सिंह व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी माैजूद रहें।

जैव विविधता आधारित पुस्तक का विमोचन:उद्घाटन कार्यक्रम के बाद राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति निकेतन, राष्ट्रपति तपोवन और राष्ट्रपति उद्यान की जैव विविधता आधारित पुस्तक का भी विमोचन किया। इस पुस्तक में राष्ट्रपति निकेतन, तपोवन और उद्यान की 300 से अधिक वनस्पतियों और 170 से अधिक जीवों की प्रजातियों का विवरण है, जिनमें तितलियां, पक्षी और स्तनधारी शामिल हैं।

राष्ट्रपति उद्यान की प्रमुख विशेषताएं :132 एकड़ में फैले राष्ट्रपति उद्यान काे सार्वजनिक पार्क, सुगमता और पारिस्थितिकी जिम्मेदारी का एक मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा। पार्क दिव्यांगजनों के लिए पूरी तरह से सुलभ होगा। इसका उद्देश्य नागरिकों के बीच स्वास्थ्य, संस्कृति और नागरिक गौरव को बढ़ावा देने के लिए सामुदायिक सहभागिता केंद्र बनाना है।

आम नागरिकों के लिए दर्शन तिथि:देशी वनस्पतियों से समृद्ध एक घना जंगल, तपोवन में 117 पौधों की प्रजातियाँ, 52 तितलियाँ, 41 पक्षी प्रजातियाँ और 7 जंगली स्तनधारी हैं, जिनमें कुछ संरक्षित प्रजातियाँ भी शामिल हैं। इस क्षेत्र में प्राकृतिक बांस के बाग और अछूते वुडलैंड पारिस्थितिकी तंत्र हैं। राष्ट्रपति तपोवन और राष्ट्रपति निकेतन 24 जून और 1 जुलाई को आम जनता के लिए खुले रहेंगे।

राष्ट्रपति निकेतन की स्थापना 1976 में राष्ट्रपति निवास के रूप में की गई थी। इसकी समृद्ध विरासत 1838 से चली आ रही है, जब यह एस्टेट गवर्नर जनरल के अंगरक्षक के लिए ग्रीष्मकालीन शिविर के रूप में इस्तेमाल हाेती थी। यह 21 एकड़ में फैला हुआ है और इसमें लिली तालाब, ऐतिहासिक इमारतें, बाग और अस्तबल शामिल हैं। देहरादून में राजपुर रोड पर स्थित राष्ट्रपति तपोवन, हिमालय की तलहटी में बसा 19 एकड़ का राष्ट्रपति भवन है, जो आध्यात्मिक विश्राम और पारिस्थितिकी संरक्षण पर जोर देता है।

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