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नई दिल्ली, 1 मार्च । कर्नाटक में इडली तैयार करने में प्लास्टिक के उपयोग पर भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) नेचिंता जाहिर की है। एफएसएसएआई ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कर्नाटक राज्य खाद्य सुरक्षा विभाग को जल्द से जल्द एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने और उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए हैं। इसके साथ ही राज्य खाद्य सुरक्षा विभाग को इस मुद्दे पर तत्काल आवश्यक कार्रवाई करने और भोजन तैयार करने में प्लास्टिक का उपयोग करने वाले खाद्य व्यवसाय संचालकों (एफबीओ) या होटलों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए भी कहा है।
प्राधिकरण की ओर से शनिवार को बताया गया कि वह इस गंभीर मामले पर बारीकी से नजर रख रहा है और उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। एफएसएसएआई के मुताबिक प्लास्टिक शीट का उपयोग करने की प्रथा भोजन में हानिकारक रसायनों के संभावित रिसाव के कारण महत्वपूर्ण खाद्य सुरक्षा चिंताओं को जन्म देती है।
एफएसएसएआई के सीईओ जी कमला वर्धनराव ने कहा कि भोजन तैयार करने में निम्न-गुणवत्ता या गैर-खाद्य-ग्रेड प्लास्टिक का उपयोग, विशेष रूप से उच्च तापमान में गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा करता है।
उच्च ताप के संपर्क में आने पर ये निम्न-श्रेणी के प्लास्टिक बिस्फेनॉल ए (बीपीए), फ़ेथलेट्स और अन्य रसायनों जैसे जहरीले पदार्थ छोड़ सकते हैं जो खाद्य पदार्थों में प्रवेश कर सकते हैं, जिससे संभावित रूप से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। एफएसएसएआई इस मामले की गहन जांच करने और कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए राज्य खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहा है।
एफएसएसएआई ने जोर देते हुए कहा कि भोजन तैयार करने में खाद्य ग्रेड सामग्री का उपयोग और स्वच्छता संबंधी प्रथाएं महत्वपूर्ण हैं। इडली को भाप में पकाने की प्रक्रिया परंपरा के अनुसार या अनुमोदित खाद्य-ग्रेड सामग्री के अनुसार की जानी चाहिए, जिससे रासायनिक संदूषण का खतरा न हो।