नयी दिल्ली 16 नवम्बर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि लेखा परीक्षकों को आलोचक के बजाय सुशासन के सूत्रधार की तरह देखा जाना चाहिए क्योंकि उनकी जांच पड़ताल सही रास्ता दिखाती है।

श्रीमती मुर्मु ने गुरूवार को यहां तीसरे लेखा परीक्षक दिवस समारोह में कहा कि नियंत्रक और महालेखा परीक्षक  के नेतृत्व में सरकार के लेखापरीक्षा समुदाय ने सत्यनिष्ठा, शासन और प्रणालियों को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि देशवासी 2047 तक विकसित भारत के निर्माण की दिशा में तेजी से आगे बढ़ना चाहते हैं। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सीएजी समेत देश के सभी महत्वपूर्ण संस्थानों और समुदायों को योगदान देना होगा। उन्होंने इस बात पर खुशी जतायी कि सीएजी ने डेटा प्रबंधन और विश्लेषण केंद्र की स्थापना सहित कई दूरदर्शी कदम उठाए हैं, जिसमें भविष्य के अनुरूप डिजिटल तकनीक और अन्य आधुनिक तरीकों का उपयोग किया जा रहा है।

श्रीमती मुर्मु ने कहा कि सीएजी की पूरी टीम से एक नियंत्रक और परीक्षक के रूप में योगदान की उम्मीद की जाती है जो देश की विकास यात्रा में साथी और मार्गदर्शक दोनों है। उन्होंने कहा कि भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में सीएजी टीम की अहम भूमिका होगी।

राष्ट्रपति ने कहा कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा वाली बाजार प्रणाली का प्रभाव सभी संस्थानों और उद्यमों के लिए प्रासंगिक है। देश के सभी उद्यमों और गतिविधियों में नैतिकता के आधार पर प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता लगातार बढ़नी चाहिए। वित्तीय औचित्य और वैधता सुनिश्चित करते हुए त्वरित वृद्धि और विकास के राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में बाधाओं को दूर करना सीएजी सहित सुशासन के लिए जिम्मेदार प्रत्येक संस्थान और व्यक्ति के प्रभावी योगदान की कसौटी है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लेखा परीक्षकों को आलोचकों के बजाय सुशासन के सूत्रधार के रूप में माना जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें मार्गदर्शक माना जाना चाहिए जिनकी जांच-पड़ताल हमें सही रास्ते पर चलना सिखाती है।

राष्ट्रपति ने कहा कि लेखा परीक्षक के क्षेत्र में भी विश्व समुदाय में भारत की स्थिति अग्रणी है। भारत के सुप्रीम ऑडिट इंस्टीट्यूशंस 20 (एसएआई20) की अध्यक्षता के दौरान ब्लू इकोनॉमी और जिम्मेदार कृत्रिम बुद्धिमत्ता के मुद्दों पर जोर देना भविष्य के लिए रोडमैप तैयार करने का एक अच्छा प्रयास है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि सीएजी अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है।