गोयनका पर हमले की निंदा
ओंकार समाचार
कोलकाता, 28 जनवरी। मारवाड़ी रिलीफ सोसायटी के महासचिव, समाज सेवी, पर्यावरण विद प्रह्लादराय गोयनका पर हुए हमले की विभिन्न समाज सेवियों ने निंदा की है। समाजसेवियों और बुद्धिजीवियों ने हमला करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। साथ ही हमलावरों को प्रश्रय देने वाले लोगों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
भाषाविद, चिंतक एवं वरिष्ठ समाज सेवी रतन शाह ने मारवाड़ी रिलीफ सोसायटी के महासचिव प्रह्लाद राय गोयनका पर हमले को अत्यंत दुखद बताया है। शाह ने कहा कि प्रह्लाद राय गोयनका पिछले छह सालों से सोसायटी से जुड़े हुए हैं। इन छह सालों में उन्होंने तन मन धन से सोसायटी के लिए कार्य किए हैं। उनके साथ इस तरह का व्यवहार अक्षम्य है। शाह ने कहा कि सोसायटी के सभी सदस्यों को इस घटना के खिलाफ उठ खड़े हो जाना चाहिए।
शाह ने कहा कि मारवाड़ी रिलीफ सोसायटी हमें हमारे पूर्वजों से मिली विरासत है, पूरे देश में ऐसी कोई दूसरी संस्था नहीं है। यह संस्था समंदर हो सकती थी इसे पोखर बना दिया है। शाह ने कहा कि सोसायटी का पुनुरुद्धार किया जाना चाहिए। इसमे आमूल चूल परिवर्तन की जरूरत हे।
मारवाड़ी रिलीफ सोसायटी के सदस्य राजेंद्र केडि़या ने प्रह्लाद राय गोयनका पर हुए हमले को निंदनीय बताया हे। केडि़या ने ने कहा कि गोयनका निरंतर सोसायटी के विकास के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने साोसायटी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। मगर कुछ लोग हैं जो सोसायटी में हो रहे विकास कार्यों से खुश नहीं है। केडि़या ने बताया कि गोयनका पर हमला पहली बार नहीं हुआ है। एक बार मारवाड़ी रिलीफ सोसायटी की कमेटी की बैठक में भी उन पर हमला करने का प्रयास किया गया।
केडि़या ने कहा कि गोयनका पर हमला करने वालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए साथ ही इस हमले के पीछ सक्रिय लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए।
सामाजिक कार्यकर्ता, बुद्धिजीवी एवं पत्रकार पवन झा ने मारवाड़ी रिलीफ सोसायटी के मानद सचिव प्रहलाद राय गोयनका पर हमले को सुनियोजित साजिश का हिस्सा बताया है। पवन झा ने कहा कि गोयनका जब से सचिव पद पर आरूढ़ हुए हैं मारवाड़ी रिलीफ सोसायटी की आड़ में अपना धंधा चमकाने वाले असहज महसूस कर रहे हैं और उन्हें प्रताड़ित करके अपना दबदबा पुन: कायम रखने को बेताब हैं।
पवन झाा ने कहा कि विगत बीस-पच्चीस वर्षों से मारवाड़ी रिलीफ सोसायटी धंधेबाजों का अखाड़ा बना हुआ है जहां मरीजों की भर्ती से लेकर दवा और भोजन तक में दलाली कमाने वालों की भरमार है। गोयनका सदैव स्वच्छ और पारदर्शी संचालन व्यवस्था के पैरोकार रहे हैं इसीलिए वे धंधेबाज कर्मचारियों और उनके सरपरस्त नेताओं के निशाने पर हैं।
झा ने कहा कि यह समाज का दायित्व है कि लामबंद होकर पुरखों द्वारा सेवा की भावना से स्थापित इस ऐतिहासिक संस्थान को घुन की तरह खोखला कर रहे सफेदपोश शैतानों से बचाने का उपक्रम करें अन्यथा एक दिन इस गौरवशाली संस्थान की जगह भी कोई मॉल या व्यवसायिक टॉवर नजर आएगा क्योंकि सेवा की आड़ में मेवा लूटने वाले समाज में प्रतिष्ठित और सम्मानित हैं।
गोवर्धन गाडोदिया ने कहा कि गोयनका के साथ हुए अशोभनीय व्यवहार से मन विचलित है। समाज के व्यापक हित में निस्वार्थ सेवा करने वाले सज्जन पुरुष जो तन मन एवं धन से समाज के लिए समर्पित है उनके साथ इस तरह की घटना निंदनीय है। गाडोदिया ने कहा कि किसी भी मुद्दे पर विचार भिन्नता हो सकती है जिसका समाधान बातचीत या सक्षम न्यायालय से होना चाहिये।
विश्वनाथ भंसाली ने कहा कि सेवा कार्य करने वाले के साथ इस तरह का व्यवहार बहुत ही अनुचित है। गोयनका पर हमला करने वाले शरारती तत्वों पर शीघ्रातिशीघ्र कार्रवाई की जानी चाहिए। भंसाली ने कहा कि ऐसे तत्वों का सामाजिक वहिष्कार किया जाना चाहिए।
गजेंद्र पाठक ने कहा कि यह हमला गोयनकाजी पर नहीं है बल्कि एक सच्चे समाज सेवी और पर्यावरणविद पर है, इसलिए दोषियों पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।