नई दिल्ली, 16 अक्टूबर । केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने बुधवार को कहा कि भारत ने एक उचित नियामक प्रक्रिया के माध्यम से महामारी के दौरान उपयोग के लिए 8 टीकों को लाइसेंस दिया। यह सभी टीके दुनिया में उपलब्ध अन्य टीकों की तुलना में बहुत कम कीमत पर उपलब्ध थे। नई दिल्ली में आयोजित औषधि नियामक प्राधिकरण के 19वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए अनुप्रिया पटेल ने कहा कि न्यू ड्रग्स एंड क्लिनिकल ट्रायल नियम 2019 और मेडिकल डिवाइस नियम 2017 के रूप में क्लिनिकल परीक्षण के क्षेत्रों में प्रकाशित नए नियमों ने वैश्विक अपेक्षा और अंतरराष्ट्रीय प्रथाओं के अनुरूप वैज्ञानिक एवं नैतिक अनुसंधान को बढ़ावा दिया है।

केंद्रीय राज्यमंत्री पटेल ने कहा कि चिकित्सा उपकरण नियमों में जोखिम आधारित वर्गीकरण, पंजीकरण के माध्यम से सभी उपकरणों को विनियमन के तहत लाना और नियामक मार्ग तैयार करना शामिल है। हम चिकित्सा उपकरणों और निदान के क्षेत्र में नियामक आवश्यकताओं को सुसंगत बनाने के लिए आईएमडीआरएफ, आईएसओ, डब्ल्यूएचओ और एसईएआरएन जैसे क्षेत्रीय नेटवर्क जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ विश्व स्तर पर सहयोग कर रहे हैं। आईएमआरडीएफ की संबद्ध सदस्यता प्राप्त करना और फार्माकोपियल डिस्कशन ग्रुप द्वारा भारतीय फार्माकोपिया को मान्यता देना नियामक मानकों के सामंजस्य और मान्यता को चिह्नित करने वाले मील के पत्थर हैं।

इस अवसर पर नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि आयोग गुणवत्तापूर्ण दवाएं जीवन की गुणवत्ता, मानव उत्पादकता के साथ-साथ जीवन जीने के तरीके में भी सुधार करती है। इस वर्ष का आईसीडीआरए दुनियाभर में नियामक वातावरण को मजबूत करने को प्रतिबद्ध है।

उल्लेखनीय है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तत्वावधान में 14 से 18 अक्टूबर तक देश में पहली बार आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में नियामक प्राधिकरणों को एक साथ लाया गया है। इसमें 200 से अधिक देशों के नीति निर्माता और स्वास्थ्य अधिकारी भाग ले रहे हैं।