नई दिल्ली, 08 मार्च। महज 30 मिनट में ब्रेन ट्यूमर का इलाज संभव है। अपोलो अस्पताल ने शुक्रवार को जैप एक्स तकनीक लॉन्च की है। इस तकनीक से 30 मिनट के सत्र में मरीज को बिना के किसी दर्द और दुष्प्रभाव से इलाज संभव है। जैप एक्स नामक यह तकनीक सीधे तौर पर ट्यूमर को तोड़ने का काम करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह तकनीक आने वाले दिनों में ब्रेन ट्यूमर के उपचार में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी। इस नई तकनीक के लिए मरीज को एनेस्थीसिया की जरूरत भी नहीं पड़ती है।

डॉक्टरों के अनुसार यह तकनीक प्राथमिक और मेटास्टैटिक ब्रेन ट्यूमर, आर्टेरियोवेनस मैलफॉर्मेशन (एवीएम), ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया, पार्किंसंस रोग, मिर्गी और अन्य इंट्राक्रैनियल घावों जैसे मेनिंगियोमास, ध्वनिक न्यूरोमास और पिट्यूटरी एडेनोमास जैसे विकारों के इलाज में सक्षम है।

अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. प्रताप चंद्र रेड्डी ने लॉन्च के समय कहा, “चार दशकों से अधिक समय से अपोलो हॉस्पिटल्स स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में सबसे आगे रहा है और अपनी असाधारण देखभाल के लिए लगातार सीमाओं को चुनौती दे रहा है। इस परंपरा को कायम रखते हुए हमने ब्रेन ट्यूमर के इलाज के लिए डिज़ाइन एक नवीन तकनीक जैप-एक्स का अनावरण किया। यह नया दृष्टिकोण विकिरण के न्यूनतम जोखिम के साथ 30 मिनट तक चलने वाले गैर-आक्रामक, दर्द-मुक्त सत्र की अनुमति देता है। जैप-एक्स उन्नत सुरक्षा प्रोटोकॉल के साथ आता है, जिसमें तत्काल त्रुटि का पता लगाना और विकिरण रिसाव को कम करना संभव है। गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) के बढ़ते ज्वार के साथ, जैप-एक्स एनसीडी के खिलाफ हमारी लड़ाई में एक नया योगदान होगा, जिनमें कैंसर एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।”

क्या है जैप-एक्स तकनीक

जैप-एक्स तकनीक प्रमुख फायदों के साथ आती है, जिसमें इसका गैर-आक्रामक होना शामिल है। इससे कुछ मस्तिष्क ट्यूमर के लिए सर्जिकल हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं होती है। यह दर्द रहित और कम उपचार अवधि के लिए फ़्रेमलेस, पिनपॉइंट सटीकता और वास्तविक समय छवि मार्गदर्शन प्रदान करता है। साथ ही मरीजों की सुरक्षा को भी बढ़ाता है। इस तकनीक ने न्यूनतम दुष्प्रभावों के साथ प्रभावी नियंत्रण और सुरक्षा के लिए बीते 10 वर्षों में 95 प्रतिशत से अधिक नियंत्रण दर प्राप्त की है। साथ ही छोटे ट्यूमर के मामलों में बीते पांच साल में असाधारण 99.4 प्रतिशत नियंत्रण दर हासिल की है।

इस अवसर पर स्टैनफोर्ड स्कूल ऑफ मेडिसिन के न्यूरो सर्जरी विभाग के प्रोफेसर और जैप सर्जिकल के संस्थापक व सीईओ प्रो. जॉन आर एडलर ने कहा, “स्टीरियोटैक्टिक रेडियोसर्जरी पिछली शताब्दी की सबसे महत्वपूर्ण चिकित्सा प्रगति में से एक है। जैप-एक्स रेडियो सर्जरी के साथ मरीजों को अब एक आउट पेशेंट सेटिंग में जल्दी से ठीक किया जा सकता है और बिना किसी चीरे व दर्द वह उसी दिन अपने घर लौट सकता है।आमतौर पर ट्यूमर का ऑपरेशन करीब तीन से चार घंटे तक चलता है जबकि जैप-एक्स तकनीक 30 मिनट के एक सत्र में उपचार कर देती है।”