
शिमला, 28 अगस्त। हिमाचल प्रदेश में मॉनसून का कहर लगातार जारी है। बीती रात भी कई जिलों में झमाझम बारिश हुई जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ। खासकर चंबा, कुल्लू, मंडी और कांगड़ा जिलों में भारी बारिश के कारण सड़कें, बिजली और पेयजल आपूर्ति बुरी तरह बाधित हुई है। चम्बा जिला के विभिन्न इलाकों में हालात सबसे खराब है। राजधानी शिमला में भी बुधवार देर रात बारिश के बाद गुरुवार को आसमान बादलों से घिरा रहा। पिछले दिनों की मूसलाधार बारिश से बंद पड़ी सड़कों और बाधित सेवाओं की बहाली कार्यवाही युद्धस्तर पर जारी है।
चंबा में भारी तबाही, सीएम ने जताया शोक
चंबा जिला में बारिश से सबसे ज्यादा तबाही हुई है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने जिले में पिछले 72 घंटों के दौरान हुई जनहानि पर गहरा शोक व्यक्त किया और कहा कि सरकार प्रभावित परिवारों के साथ खड़ी है तथा हर संभव मदद दी जाएगी। सीएम ने जिला प्रशासन को आपदा प्रभावित क्षेत्रों में प्राथमिकता से सड़क संपर्क बहाल करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि सरकार की ओर से अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि जिले में कितनी मौतें हुई हैं।
मणिमहेश यात्रा मार्ग से सुरक्षित निकाले गए 3269 श्रद्धालु
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने विधानसभा में जानकारी दी कि मणिमहेश यात्रा मार्ग में फंसे 3269 श्रद्धालुओं को सुरक्षित बाहर निकाला गया है। इनमें 1730 पुरुष, 1259 महिलाएं और 280 बच्चे शामिल हैं।
लाहौल-स्पीति में मरीज एयरलिफ्ट
जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में बाढ़ और सड़क अवरोध के कारण आपात सेवाएं प्रभावित हुईं। इस बीच मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्टिंगरी से पांच मरीजों को एयरलिफ्ट कर कुल्लू अस्पताल पहुंचाया गया। इनमें अलका, पूरन सिंह, आयुष, रियांश और उनकी मां संजीता शामिल हैं। सभी को जिला अस्पताल कुल्लू में भर्ती कर बेहतर इलाज उपलब्ध करवाया जा रहा है।
मंडी में भूस्खलन से नहीं हुआ जानी नुकसान
इधर मंडी जिले के बनाला में बुधवार रात हुए भारी भूस्खलन को लेकर सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलीं कि कई वाहन मलबे में दब गए हैं। अभिनेत्री और सांसद कंगना रनौत ने भी ट्वीट कर आशंका जताई थी कि कई लोग मलबे में दबे हो सकते हैं। हालांकि प्रशासन ने गुरुवार शाम तक पूरा मलबा हटाकर स्थिति स्पष्ट कर दी। जिला प्रशासन ने बताया कि मलबे में कोई वाहन या व्यक्ति दबा हुआ नहीं मिला। इस तरह सोशल मीडिया पर फैली सभी आशंकाएं निराधार साबित हुईं।
तीन सितंबर तक भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग ने आगामी तीन सितंबर तक प्रदेश में खराब मौसम बने रहने की आशंका जताई है। इस दौरान कई जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। 29 अगस्त को उना, कांगड़ा, मंडी और सिरमौर, 30 अगस्त को चंबा, कुल्लू, मंडी, शिमला समेत आठ जिलों और 31 अगस्त को किन्नौर व लाहौल-स्पीति को छोड़कर सभी जिलों में येलो अलर्ट रहेगा। इसी तरह पहली से तीन सितंबर तक भी भारी वर्षा की संभावना जताई गई है।
सड़कें, बिजली व पेयजल योजनाएं ठप
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार अब तक 1 नेशनल हाईवे व 524 सड़कें बंद हैं। मंडी में 216, कुल्लू में 169, कांगड़ा में 63, शिमला में 32 और उना में 20 सड़कें अवरुद्ध हैं। कुल्लू में एनएच-3 बंद है। प्रदेश में 1230 ट्रांसफार्मर ठप हैं जिनमें सबसे ज्यादा 692 कुल्लू में और 320 मंडी में बंद पड़े हैं। 416 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं।
मानसून में अब तक 312 मौतें
प्रदेश में इस वर्ष के मानसून सीजन में अब तक 312 लोगों की मौत हो चुकी है। 38 लोग लापता और 374 घायल हुए हैं। मंडी में 51, कांगड़ा में 49, चंबा में 36, शिमला और किन्नौर में 28-28, कुल्लू में 26 और अन्य जिलों में भी कई मौतें दर्ज हुई हैं। अब तक 3,736 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 776 पूरी तरह ध्वस्त हो चुके हैं। 485 दुकानें, 3367 पशुशालाएं नष्ट हो गईं जबकि 1,854 पालतू पशु और 25,755 पोल्ट्री पक्षी मारे गए हैं। प्रदेश में अब तक करीब 2,753 करोड़ रुपये का नुकसान आंका गया है।
फ्लैश फ्लड, भूस्खलन और बादल फटने की घटनाएं
इस मानसून में प्रदेश में 90 फ्लैश फ्लड, 86 भूस्खलन और 42 बादल फटने की घटनाएं दर्ज की गई हैं। सबसे ज्यादा फ्लैश फ्लड लाहौल-स्पीति में 52 हुए। भूस्खलन की 15 घटनाएं कुल्लू, 14 शिमला और 12 मंडी में हुईं जबकि मंडी में 18 बार बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं।