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कोलकाता, 24 नवम्बर । पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन (डब्ल्यूबीएसएससी) ने उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में बड़ा कदम उठाते हुए उन 300 अभ्यर्थियों को अयोग्य घोषित कर दिया है जिन्होंने साक्षात्कार के लिए अर्हता प्राप्त कर ली थी, लेकिन जांच में उनके अनुभव प्रमाणपत्र जाली पाए गए। यह अनुभव प्रमाणपत्र 10 अंकों के वेटेज के लिए अनिवार्य थे, जिसे कई अभ्यर्थियों ने फर्जी दस्तावेजाें के माध्यम से हासिल करने का प्रयास किया।

कमीशन के अधिकारियों के अनुसार, अयोग्य घोषित किए गए कुछ अभ्यर्थियों ने न केवल फर्जी अनुभव प्रमाणपत्र बल्कि जन्म प्रमाणपत्र और शैक्षणिक अंकपत्र भी जाली प्रस्तुत किए थे। इन अभ्यर्थियों की पहचान दस्तावेजाें की जांच और सत्यापन प्रक्रिया के दौरान हुई, जिसकी शुरुआत 18 नवम्बर से की गई थी।

सितम्बर में आयोजित लिखित परीक्षा में शामिल कई अभ्यर्थियों, जो अनुभव आधारित वेटेज का लाभ नहीं उठा सके और साक्षात्कार सूची से बाहर रह गए, ने शुरुआत से ही इस अनुभव मानदंड पर आपत्ति जताई थी। उनका आरोप था कि इस नए मानदंड ने भ्रष्टाचार की गुंजाइश बढ़ा दी है। लिखित परीक्षा के नतीजे इसी माह घोषित होने के बाद यह साफ दिखा कि कई मेधावी नए अभ्यर्थी सिर्फ अनुभव आधारित वेटेज न होने के कारण साक्षात्कार सूची से बाहर कर दिए गए, जबकि उन्होंने परीक्षा में बेहतरीन प्रदर्शन किया था।

उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती के लिए लिखित परीक्षा सितम्बर में आयोजित की गई थी और उसके नतीजे इसी माह प्रकाशित हुए। माध्यमिक शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा भी सितम्बर में ही हुई थी और उसके परिणाम आज घोषित किए जाएंगे। डब्ल्यूबीएसएससी ने बताया कि नतीजों को शाम तक आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा।

यह नई भर्ती प्रक्रिया उन लगभग 26 हजार पदों को भरने के लिए चलाई जा रही है जिन्हें उच्चतम न्यायालय की डिवीजन बेंच ने इस वर्ष अप्रैल में रद्द कर दिया था। निर्णय सुनाते समय उच्चतम न्यायालय ने सभी “दागी” शिक्षकों को नई भर्ती प्रक्रिया में हिस्सा लेने से प्रतिबंधित कर दिया था।

इस बीच, इस माह प्रकाशित लिखित परीक्षा के परिणामों को चुनौती देते हुए दो याचिकाएं पहले ही कलकत्ता उच्च न्यायालय में दायर की जा चुकी हैं। —————–