कोलकाता, 25 अप्रैल। पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर ज़िले के समुद्रतटीय पर्यटन स्थल दीघा में आगामी 28 अप्रैल से शुरू हो रहे तीन दिवसीय जगन्नाथ मंदिर उद्घाटन कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। यह मंदिर ओडिशा के प्रतिष्ठित पुरी श्री जगन्नाथ मंदिर की तर्ज पर निर्मित किया गया है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल होंगी। वे 28 अप्रैल को कोलकाता से दीघा पहुंचेंगी। 29 अप्रैल को मंदिर परिसर में विशेष महायज्ञ का आयोजन होगा।

पूर्व मेदिनीपुर के पुलिस अधीक्षक सौम्यदीप भट्टाचार्य के अनुसार, पूरे तीन दिनों के लिए लगभग दो हजार पुलिसकर्मियों की तैनाती की जा रही है। इसके अलावा सादे कपड़ों में विशेष सुरक्षा बल और पुलिसकर्मी मंदिर परिसर समेत दीघा के अन्य प्रमुख स्थानों पर तैनात किए जाएंगे।

ड्रोन से निगरानी और सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था भी की गई है। खासकर 30 अप्रैल को जब मुख्यमंत्री कार्यक्रम में शामिल होंगी, तब सुरक्षा के सभी उपाय और भी अधिक सक्रिय रहेंगे।

इसके अलावा, प्रवेश और निकासी मार्गों पर वाहनों की गहन जांच की जा रही है। हर आने-जाने वाले वाहन की तलाशी ली जा रही है ताकि कोई भी संदिग्ध गतिविधि रोकी जा सके। मंदिर परिसर में विशेष रूप से प्रशिक्षित सशस्त्र कमांडो भी मौजूद रहेंगे।

इस बीच मंदिर के नामकरण को लेकर राजनीतिक विवाद भी सामने आया है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से यह स्पष्ट करने की मांग की है कि मंदिर का नाम ‘श्री जगन्नाथ मंदिर’ की बजाय ‘जगन्नाथ धाम सांस्कृतिक केंद्र’ क्यों रखा गया।

उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि सभी सरकारी दस्तावेजों में मंदिर का नाम बदलकर ‘श्री जगन्नाथ मंदिर’ किया जाए और इस संबंध में तुरंत निर्देश जारी किए जाएं।