कोलकाता, 05 अगस्त । पश्चिम बंगाल विधानसभा के मानसून सत्र के ग्यारहवें और अंतिम दिन “द स्किल, नॉलेज एंड फैशन यूनिवर्सिटी बिल, 2024” पेश किया गया। इस विधेयक पर सोमवार को विधानसभा में चर्चा हुई। शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने इस नए विधेयक को पेश किया। चर्चा के लिए छह वक्ता मौजूद थे, और एक घंटे तक इस पर विमर्श किया गया। भाजपा की ओर से वक्ता अरूप कुमार दास ने राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्ति की मांग की।

भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल ने सदन में कहा कि इस विधेयक को लेकर काफी उत्साह है, लेकिन डेढ़ साल बाद विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए कहीं ये लॉलीपॉप तो नहीं दिखा रहे हैं। उन्होंने पूछा कि क्या छात्रों के लिए ‘प्लेसमेंट गारंटी’ होगी ?

अगले वक्ता डॉ. शंकर घोष थे। तृणमूल कांग्रेस की ओर से डॉ. राणा चटर्जी ने कहा कि सिलीगुड़ी और उत्तर बंगाल के प्रति हमेशा से होने वाली अनदेखी के संदर्भ में यह विधेयक खास है। निजी विश्वविद्यालय की स्थापना होने जा रही है। सरकारी सहयोग से निजी विश्वविद्यालय की स्थापना होगी। इसमें डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स के साथ डिग्री कोर्स भी होंगे, जिससे क्षेत्रीय असमानता दूर होगी। अन्य वक्ताओं में अरुंधति मित्रा भी शामिल थीं। जवाबी भाषण में विभागीय मंत्री बसु ने इसके बाद सरकार की दृष्टिकोण को विस्तार से बताया।