मेगालिथ

हजारीबाग, 22 सितंबर। हजारीबाग जिले के बड़कागांव स्थित पंकरी बरवाडीह मेगालिथ स्थल से सोमवार 23 सितंबर की सुबह खगोल प्रेमियों को एक अद्भुत खगोलीय घटना का साक्षी बनने का अवसर मिलेगा। इस दिन सूर्योदय के समय सूर्य ठीक ‘वी’ आकार के दो विशाल पत्थरों के बीच से उगता दिखाई देगा। यह दिन इक्वीनोक्स (समदिवारात्रि) का दिन है, जब सूर्य शून्य डिग्री पर होता है और दिन-रात की अवधि बराबर रहती है।

खगोलविदों के अनुसार, सूर्योदय का यह अद्भुत नजारा सुबह लगभग 6:10 बजे दिखाई देगा। 24 सितंबर से सूर्य दक्षिणायन होते हुए मकर रेखा की ओर दक्षिणी गोलार्द्ध की तरफ बढ़ेगा। खगोलप्रेमियों की एकमात्र चिंता मौसम को लेकर है—यदि आसमान में बादल नहीं रहे तो सूरज की करवट बदलती सुनहरी किरणें मेगालिथ के बीच से निकलती स्पष्ट दिखाई देंगी।

विशेषज्ञ बताते हैं कि यह खगोलीय परंपरा अतिप्राचीन मानवों, विशेषकर आदिवासियों की गणितीय सटीकता और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से जुड़ी है। पंकरी बरवाडीह भारत का इकलौता इक्वोनोक्स स्थल है, जिसकी खोज वर्ष 2000 में मेगालिथ शोधकर्ता शुभाशीष दास ने की थी।

यह स्थल इंग्लैंड के न्यूग्रेंज और हेरेंज जैसे विश्वप्रसिद्ध इक्वीनोक्स स्थलों की श्रेणी में शामिल है और हर वर्ष यहां खगोल व इतिहास प्रेमी बड़ी संख्या में पहुंचकर इस अनोखे नजारे को देखने का इंतजार करते हैं।