आदिवासियों में आक्रोश

पलामू, 22 नवंबर । राजा मेदनी राय और नीलांबर-पीतांबर की प्रतिमा का अनावरण पलामू जिला मुख्यालय मेदिनीनगर के शिवाजी मैदान में नहीं हो पाया है। राज्य स्थापना दिवस के मौके पर 15 नवंबर को तीनों प्रतिमा का अनावरण किया जाना था, लेकिन पलामू जिला प्रशासन की ओर से मौखिक आदेश देकर प्रतिमा अनावरण पर रोक लगा दी गई ।

छह दिनों तक प्रतिमा का अनावरण नहीं होने से आक्रोशित पांकी विधायक डॉ. शशि भूषण मेहता और आदिवासी समाज के लोग शनिवार को शिवाजी मैदान में पहुंचे और जिला प्रशासन के इस निर्णय पर विरोध जताया। सरकार पर निशाना साधा। एक साजिश के तहत प्रतिमा का अनावरण नहीं करने देने का आरोप लगाया।

बताते चलें कि पिछले साल संविधान बचाओ संघर्ष मोर्चा पलामू के द्वारा 63 दिनों तक आंदोलन करने के बाद सदर मेदिनीनगर एसडीओ ने तीनों प्रतिमाएं स्थापित करने के लिए स्थल चयन प्रस्ताव बनाकर उपायुक्त को भेजा था।

इधर, 15 नवंबर पर तीनों प्रतिमा का अनावरण किया जाना था। प्रतिमा स्थल का निर्माण किया जा चुका है और तीनों प्रतिमा भी लगी हुई है लेकिन अचानक प्रतिमा अनावरण पर रोक लगा दी गई।

पांकी विधायक ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार के इशारे पर जिला प्रशासन ने तुगलकी फरमान जारी किया है। इसे अविलंब वापस लिया जाए, अन्यथा इस मामले को 5 दिसंबर से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में उठाएंगे और उपवास और आमरण अनशन करने पर बाध्य हो जाएंगे। उन्होंने प्रशासन को एक सप्ताह का समय दिया है।

उन्होंने कहा कि एक तरफ केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस घोषित करके शहीदों और आदिवासियों को सम्मान दे रही है, वहीं राज्य की हेमंत सोरेन सरकार आदिवासी राजा मेदिनी राय और स्वतंत्रता आंदोलन के शहीद भाई नीलांबर-पीतांबर की प्रतिमा अनावरण पर रोक लगा रही है।

पहले तो सरकार शहीदों की प्रतिमा लगाने के लिए दो गज जमीन देने को तैयार नहीं थी। इसके लिए आंदोलन करना पड़ा। आंदोलन के बाद निर्णय भी हुआ तो प्रतिमा को समाहरणालय में न लगाकर शहर से किनारे शिवाजी मैदान में लगाने का आदेश दिया गया। अब इसे भी वापस ले लिया गया। यह निर्णय पूरे आदिवासी समाज के लिए अपमान है। हम इसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे।
मौके पर संविधान बचाओ संघर्ष मोर्चा के अजय सिंह चेरो सहित कई आदिवासी नेता मौजूद थे।