
कोलकाता, 4 जून । पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर और कानून की छात्रा शर्मिष्ठा पानोली की गिरफ्तारी को लेकर लगाए गए आरोपों को उनके पिता पृथ्वीराज पानोली ने बुधवार को सिरे से खारिज कर दिया। उनका कहना है कि उनकी बेटी गिरफ्तारी से बचने के लिए गुरुग्राम नहीं गई थी, बल्कि वहां वह एक पहले से तय इंटर्नशिप के लिए मौजूद थी।
22 वर्षीय शर्मिष्ठा पानोली को हाल ही में कोलकाता पुलिस ने धार्मिक भावनाएं आहत करने और नफरत फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। पुलिस का दावा है कि 15 मई को गार्डनरीच थाने में दर्ज एफआईआर के बाद उसे नोटिस भेजा गया, लेकिन वह गुरुग्राम में छिप गई थी, जिसके बाद गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया।
इन दावों पर प्रतिक्रिया देते हुए पृथ्वीराज ने लिखित और वीडियो बयान जारी कर बताया कि उनकी बेटी 20 मई से 30 मई तक गुरुग्राम के एक होटल में उनके साथ थी और दिल्ली के नेहरू एनक्लेव स्थित एक प्रतिष्ठित वकील के साथ इंटर्नशिप कर रही थी। इससे पहले भी वह फरवरी और मार्च में दिल्ली के साकेत स्थित एक जानी-मानी लॉ फर्म में इंटर्नशिप कर चुकी है, जहां उसे स्टाइपेंड भी मिला था।
पिता ने बताया कि 15 मई को एफआईआर दर्ज होने के दिन ही शर्मिष्ठा पुणे से कोलकाता आई थीं। इसके बाद 15 से 19 मई के बीच वह और उनकी बेटी सात बार लालबाजार स्थित साइबर थाना और आनंदपुर थाना गए, ताकि इंस्टाग्राम पोस्ट को लेकर मिल रही ऑनलाइन धमकियों की शिकायत दर्ज करा सकें।
उन्होंने यह भी कहा कि 22 मई से शर्मिष्ठा ने दिल्ली में इंटर्नशिप शुरू कर दी थी और वह प्रतिदिन दो घंटे सार्वजनिक परिवहन से सफर कर कार्यस्थल पहुंचती थीं। 30 मई को पश्चिम बंगाल पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया।
पानोली ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें अब तक एफआईआर की कॉपी नहीं दी है। उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस ने सहारनपुर, नोएडा और गाज़ियाबाद तक में छापेमारी की, जबकि वह और उनकी बेटी पूरे समय गुरुग्राम के एक ही होटल में रुके हुए थे।
शर्मिष्ठा पानोली पर आरोप है कि उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जुड़ा एक आपत्तिजनक वीडियो इंस्टाग्राम पर डाला था, जिससे एक समुदाय की धार्मिक भावना आहत हुई। भारी विरोध के बाद उन्होंने वीडियो हटा लिया और सार्वजनिक माफी भी मांगी, इसके बावजूद उन्हें 30 मई को गिरफ्तार कर लिया गया।