मामले जांच के लिये दो सदस्यीय समिति गठित

कोलकाता, 25 नवंबर। राजभवन में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस की प्रतिमा का अनावरण किये जाने की खबरों को राजभवन ने पूरी तरह खारिज कर दिया है। इन खबरों की सच्चाई जानने के लिए राजभवन ने दो सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है, जो दो दिनों में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

राजभवन के अधिकारियों ने बताया कि यह दावा पूरी तरह गलत है कि राज्यपाल ने अपनी प्रतिमा का अनावरण किया या इसे राजभवन परिसर में कहीं स्थापित किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि एक मूर्तिकार ने यह प्रतिमा बनाई और राज्यपाल को भेंट की थी।

अधिकारियों ने कहा, “कई कलाकार अपनी कलाकृतियां राज्यपाल को भेंट करते हैं। चित्रकार उनके चित्र बनाते हैं और प्रस्तुत करते हैं। इसी प्रकार, एक मूर्तिकार ने उनकी प्रतिमा बनाई और उन्हें भेंट की। इसे गलत तरीके से ‘अपनी मूर्ति का अनावरण’ बताया गया है।”

 

राजभवन के अधिकारियों का कहना है कि यह गलतफहमी राजभवन के बाहर के कुछ लोगों द्वारा राज्यपाल की छवि खराब करने के उद्देश्य से फैलाई गई हो सकती है। मामले की जांच के लिए एक दो सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जो जल्द ही अपनी रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपेगी।

उल्लेखनीय है कि डॉ. बोस ने 23 नवंबर, 2022 को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में कार्यभार संभाला था। उनके कार्यकाल के दौरान कई मौकों पर राज्य सरकार के साथ मतभेद देखने को मिले हैं, जिनमें राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति और कोलकाता पुलिस द्वारा कथित जासूसी के मुद्दे शामिल हैं।