सोनीपत, 22 मई । ऑपरेशन सिंदूर के दौरान विवादित पोस्ट डालकर सुर्खियों में आए अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान गुरुवार को सोनीपत जेल से बाहर आ गए। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उनकी जमानत मंजूर की थी। जेल से बाहर आने के बाद प्रो. खान ने मीडिया से किसी तरह की बात नहीं की।

गुरुवार की शाम अचानक जेल के बाहर चहल-पहल बढ़ गई और आराेपित अली खान को रिहा कर दिया

गया। उनके वकील कोर्ट से जारी जमानत आदेश के दस्तावेज लेकर जेल पहंचे तो 56 मिनट

के बाद प्रोफेसर अली खान जेल से बाहर निकले और यूपी नंबर की ब्रेजा गाड़ी में बैठाकर

तुरंत रवाना हाे गए। जेल गेट से निकलते ही गाड़ी इतनी तेज़ रफ्तार में थी कि उनकी कार एक

दोपहिया वाहन से टक्कर लग गई। गनीमत यह रही कि स्कूटी सवार महिला को कोई गंभीर

चोट नहीं आई।

प्रोफेसर अली के वकील ने काेर्ट में यह दलील दी कि उनकी टिप्पणी

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दायरे में आती है। कई मानवाधिकार संगठनों और शिक्षाविदों

ने भी अली के समर्थन में आवाज़ उठाई। अंततः सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका को स्वीकारते

हुए यह स्पष्ट किया कि गिरफ्तारी उचित नहीं थी और उन्हें सशर्त जमानत दे दी गई।

दरअसल, अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान ने ऑपरेशन सिंदूर और सेना काे लेकर एक विवादित टिप्पणी की थी। सोशल मीडिया पर वायरल इस बयान

में उन्होंने सैन्य अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाए थे, जिसके बाद उनके खिलाफ राष्ट्रविरोधी

गतिविधियों और अशांति फैलाने के आरोप में दो अलग-अलग केस दर्ज किए गए। स्थानीय कोर्ट

ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया था और तभी से वे सोनीपत की जेल में बंद थे।