अहमदाबाद, 13 जून । गुजरात के अहमदाबाद में हुई भीषण विमान दुर्घटना ने सिर्फ देश ही नहीं, सारी दुनिया को भी झकझोर दिया है। इस हादसे में 265 लोगों की मौत हो गई, लेकिन एक खुशनसीब यात्री हैं रमेश विश्वास कुमार। वह काल के मुंह से बाहर आ गए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज इस चमत्कारिक रूप से बचे यात्री से मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली।

विश्वास की आपबीती

अस्पताल के बेड पर लेटे रमेश विश्वास ने बताया, “रनवे पर विमान की रफ्तार बढ़ने के साथ ही मुझे कुछ अजीब सा महसूस हुआ। अचानक 5-10 सेकंड के लिए सब कुछ थम सा गया। फिर एकाएक हरी और सफेद लाइट्स जलीं। ऐसा लगा पायलट ने टेकऑफ के लिए पूरी ताकत लगा दी हो। और फिर… विमान इमारत से टकरा गया।

मेरी सीट वाला हिस्सा शायद नीचे गिरा

विश्वास ने बताया कि जिस जगह पर वह बैठा था, वह हिस्सा शायद बिल्डिंग के नीचे के हिस्से से टकराया था। ऊपर आग लगी हुई थी और कई लोग उसमें फंस गए थे। शायद मैं सीट के साथ नीचे गिरा और किसी तरह बाहर निकलने में सफल रहा। दरवाजा टूटा हुआ था, सामने थोड़ी खुली जगह दिखी तो मैं निकलने की कोशिश की।

दूसरी तरफ दीवार थी…

रमेश ने कहा कि उसने दो एयर होस्टेस, एक अंकल-आंटी और अन्य लोगों को जलते देखा। इस हादसे में मेरा बायां हाथ बुरी तरह झुलस गया, लेकिन जान बच गई। वह कहता है, “जैसे ही मैं बाहर आया, आग तेजी से फैल गई। अगर कुछ सेकंड और रुक जाता, तो शायद…।”

मेरा भाई भी मेरे साथ था

रमेश और अजय दो भाई हैं जो यूके के लेस्टर शहर में रहते थे। दोनों साथ यात्रा कर रहे थे। तीसरे भाई नयन भी वहीं रहते हैं। उन्होंने टेलीफोन पर बातचीत में कहा, “हमने रमेश से बात की, वह अस्पताल में है और ठीक है। लेकिन अजय की कोई खबर नहीं है। हम लगातार जानकारी का इंतजार कर रहे हैं। नयन ने कहा, “हम अगली फ्लाइट से भारत के लिए रवाना हो रहे हैं। उम्मीद है कि जैसे रमेश सुरक्षित है, वैसे ही अजय के बारे में भी कोई अच्छी खबर मिले।” जब रमेश से पूछा गया कि हादसा कैसे हुआ, तो उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता… मैं कैसे बचा, ये भी समझ नहीं आ रहा।”

परिवार में गम का माहौल

रमेश की जान बचने से परिवार को थोड़ी राहत है, लेकिन अजय की जानकारी न मिलने से सभी परेशान हैं। माता-पिता और पत्नी गहरे सदमे में हैं। मोहल्ले में मातम पसरा है और पड़ोसी व रिश्तेदार भी इस घटना से बेहद दुखी हैं।