नई दिल्ली, 22 मार्च । भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर कहा है कि उन्हें कर्मों का फल तो भोगना ही पड़ेगा। अगर आम आदमी पार्टी के नेता भ्रष्ट हैं तो उन्हें जेल जाना ही होगा। कानून से ऊपर कोई नहीं है। कानून सभी के लिए सामान रूप से काम करता है।
भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केजरीवाल भ्रष्टाचारियों के नेता हैं। जो भी इनके पक्ष में बोल रहे हैं चाहे कांग्रेस के नेता राहुल गांधी हो , या फिर लालू प्रसाद यादव सभी जमानत पर बाहर हैं। सब चोर चोर मौसेरे भाई हैं। भ्रष्टाचार में लिप्त आम आदमी पार्टी के कई नेता जेल में हैं। उन्होंने कहा कि जिस शराब नीति को लेकर यह दावा किया गया था कि इससे दिल्ली का खजाना भर जाएगा, जब सीबीआई जांच शुरू हुई तो उसे वापस ले लिया गया और फिर सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि इससे दिल्ली सरकार को 2002 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
संबित पात्रा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने भ्रष्टाचार किया है तो उन्हें देश के कानून के तहत सजा मिलेगी। देश का कानून जो मुख्यमंत्री के लिए है वही आम आदमी के लिए भी है। दिल्ली की मंत्री आतिशी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए पात्रा ने कहा कि कानून और कोर्ट से ऊपर कोई नहीं है। कोर्ट पर तो विश्वास होना चाहिए। वे बार -बार कोर्ट भी गए वहां से भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली है। शराब घोटाले में उनके मंत्री मनीष सिसोदिया, संजय सिंह जेल में है। ईडी और सीबीआई की जांच में जो तथ्य मिलें हैं जिसके कारण उन्हें गिरफ्तार किया गया है। ईडी ने 338 करोड़ रुपये का मनी ट्रेल साबित किया है। कल दिल्ली हाईकोर्ट ने जो कहा वो बहुत महत्वपूर्ण है।
शराब घोटाले की क्रोनोलोजी को समझाते हुए संबित पात्रा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल नवंबर 2021 में दिल्ली में नई शराब नीति लेकर आए जिससे दिल्ली का खजाना करोड़ों रुपये से भर जाएगा। बिना सरकारी मंजूरी और कानून को ताक पर रख कर नई शराब नीति लेकर आए। जुलाई 2022 में दिल्ली के सचिव ने कहा कि इस नीति में गड़बड़ी है। सीबीआई जांच के आदेश दिए गए। फिर आनन फानन में केजरीवाल ने शराब नीति को वापस ले लिया । उस वक्त उनसे पूछा गया कि अगर यह कमाल की नीति थी तो इसे वापस क्यों ले लिया गया। फिर इस मामले में 19 अगस्त 2022 को उस समय के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर पर रेड होती है। ईडी ने जांच की तो साबित हुआ कि मनी लॉन्ड्रिंग हुई है। शराब कंपनियों का समूह बनाया गया है और उन्हें लाभ पहुंचाने का काम किया गया है। नीति में कमीशन 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया । इसमें 6 प्रतिशत वापस आम आदमी पार्टी के नेताओं को दिया गया।