कोलकाता, 28 अक्टूबर । भाजपा द्वारा बुलाए गए बंगाल बंद के दिन, उत्तर 24 परगना जिले के भाटपाड़ा में भाजपा नेता अर्जुन सिंह के करीबी दो भाजपा नेताओं की कार पर हुए बम और गोलियों से हमले की जांच के लिए सोमवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीम भाटपाड़ा पहुंची। उनके साथ फोरेंसिक विशेषज्ञों की टीम भी मौजूद थी।
इस हमले का आरोप तृणमूल कांग्रेस से जुड़े अपराधियों पर लगाया गया था। भाजपा ने दावा किया था कि इस हमले में दोनों नेता घायल हो गए थे।
यह हमला 28 अगस्त को हुआ था, जब ‘छात्र समाज’ नामक मंच ने आरजी कर अस्पताल की घटना के विरोध में नवान्न की ओर मार्च किया था। भाजपा ने इस आंदोलन को समर्थन दिया था, भले ही वह प्रत्यक्ष रूप से इस आंदोलन में शामिल न हो। आंदोलनकारियों द्वारा बैरिकेड तोड़ने और पुलिस पर पत्थर फेंकने की घटनाएं सामने आई थीं, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। पुलिस ने जवाब में पानी की बौछार और आंसू गैस का उपयोग किया, और कुछ जगहों पर लाठीचार्ज भी हुआ। इस घटना के विरोध में भाजपा ने बंगाल बंद का आह्वान किया था।
उसी दिन, भाटपाड़ा में अर्जुन सिंह के करीबी दो भाजपा नेताओं, रवि सिंह और प्रियंगु पांडे, की कार पर हमला किया गया। अर्जुन सिंह ने आरोप लगाया कि उनकी पार्टी के नेताओं की कार पर कम से कम छह राउंड गोली चलाई गई और बम फेंके गए, जिससे तीन लोग घायल हुए, जिनमें रवि, प्रियंगु और कार चालक शामिल थे। अर्जुन ने कहा कि चालक के सिर को छूकर गोली निकल गई, कार पर अभी भी खून के निशान हैं।
अर्जुन सिंह का आरोप था कि यह हमला तब हुआ जब रवि और प्रियंगु उनके घर जा रहे थे। उन्होंने पुलिस पर निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए कहा कि बम और गोलियां चल रही थीं, और पुलिस केवल तमाशा देख रही थी। जब उनसे पूछा गया कि पुलिस कहां थी, अर्जुन ने जवाब दिया, “पुलिस तृणमूल की दासता कर रही है। यह दलाली कब तक चलेगी? सब खत्म हो चुका है।”
हालांकि, तृणमूल कांग्रेस ने अर्जुन सिंह के सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था।