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राज्य निर्माण के बाद के माला राज्यलक्ष्मी पहली महिला सांसद हैं, इस सीट पर 11 बार से जीतता आ रहा है राजशाही परिवार
देहरादून, 04 मार्च। टिहरी गढ़वाल लोकसभा सीट पर स्वतंत्रता के बाद अब तक राजशाही परिवार का कब्जा है। इस लोस सीट पर राजशाही परिवार 11 बार से जीतता आ रहा है। वर्ष 2012 में टिहरी लोस सीट पर हुए उपचुनाव में पहली बार माला राज्यलक्ष्मी शाह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निर्वाचित हुईं। इसके बाद से वो लगातार जीत दर्ज करती आ रहीं हैं।
टिहरी गढ़वाल लोकसभा सीट से माला राज्यलक्ष्मी शाह सांसद हैं। माला राज्य लक्ष्मी शाह का जन्म नेपाल के काठमांडू (23 अगस्त 1950) में हुआ। उनकी शैक्षिक योग्यता इंटरमीडिएट है। वह राज्य निर्माण के बाद के पहली महिला सांसद बनी हैं। टिहरी संसदीय क्षेत्र में राज परिवार के दबदबे को देखते हुए पार्टी ने एक बार फिर माला राज्यलक्ष्मी शाह पर भरोसा जताया है। भाजपा ने माला राज्य लक्ष्मी शाह को 2014 और फिर 2019 में उम्मीदवार बनाया और दोनों चुनाव में वह विजयी रहीं। 17 लोकसभा चुनावों में 11 बार राजशाही परिवार का इस सीट पर कब्जा रहा। 1952 में पहली बार राज परिवार की कमलेंदुमति शाह निर्दलीय चुनाव जीती थीं। कांग्रेस से मानवेंद्र शाह 1957, 1962 और 1967 के लोकसभा चुनावों में विजयी रहे। 1991, 1996, 1998,1999, 2004 तक हुए पांच आम चुनावों में मानवेंद्र शाह भाजपा से लगातार चुनाव जीते। इस सीट पर आठ बार चुनाव जीतने का रिकॉर्ड भी राजशाही परिवार के मानवेंद्र शाह के नाम ही है।
2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से भाजपा उम्मीदवार माला राज्यलक्ष्मी शाह ने कांग्रेस उम्मीदवार साकेत बहुगुणा को 1,92,503 वोटों के भारी अंतर से हराया था। इस चुनाव में माला राज्यलक्ष्मी शाह को 4,46,733 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के साकेत बहुगुणा को 254230 वोट मिले। 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां 57.39 फीसदी मतदान हुआ। माला राज्यलक्ष्मी शाह को 2019 लोकसभा चुनाव में कुल 565533 मिले थे और 3 लाख 586 मतों के अंतर कांग्रेस उम्मीदवार प्रीतम सिंह को हराया था। प्रीतम सिंह को 2,64747 मत मिले थे।
टिहरी गढ़वाल लोकसभा सीट में कुल आबादी 1923454 है, जिसमें से 61.93 फीसदी आबादी ग्रामीण और 38.07 फीसदी आबादी शहरी क्षेत्र में रहती है। यहां करीब 17.15 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति की और 5.80 फीसदी आबादी अनुसूचित जनजाति के लोगों की है। अकेले टिहरी जनपद की बात करें तो जनपद टिहरी में कुल मतदाता 5.15 लाख है। इनमें से पुरुष 2.65 लाख,महिला 2.50 लाख, थर्ड जेंडर 03, दिव्यांग 4342 हैं। 18 से 19 वर्ष आयु के 8667 और 20 से 29 वर्ष आयु के 1,07,784 व 80 वर्ष के 12245 मतदाता है।
1957 में यह संसदीय क्षेत्र पहली बार अस्तित्व में आया-
1957 में टिहरी गढ़वाल संसदीय क्षेत्र पहली बार अस्तित्व में आया। इस लोकसभा सीट को उत्तरकाशी, देहरादून और टिहरी गढ़वाल जिले के कुछ हिस्सों को शामिल कर बनाया गया है। उत्तरकाशी से पुरोला, गंगोत्री, यमुनोत्री विधानसभा और टिहरी जनपद से घनसाली, प्रतापनगर, टिहरी, धनोल्टी,देहरादून जनपद से चकराता, विकासनगर, सहसपुर, रायपुर, राजपुर रोड, देहरादून कैंट और मसूरी विधानसभा आते हैं। कुल 14 विधानसभा है।
धार्मिक और ऐतिहासिकता को लेकर इस सीट का अपना महत्व है। इस लोकसभा क्षेत्र में लाखमंडल, गंगा का उद्गम स्थल गोमुख, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम और विश्व का आठवां सबसे बड़ा टिहरी बांध स्थित हैं। स्वामी रामतीर्थ की तप स्थली और श्रीदेव सुमन की कर्मस्थली टिहरी रही है।