उदयपुर, 25 जनवरी। उदयपुर में पर्यटन की चहुंमुखी संभावनाओं और पर्यटकों की आवश्यकताओं के मद्देनजर होटल एसोसिएशन उदयपुर के उपाध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखा है। राष्ट्रीय पर्यटन दिवस पर लिखे गए इस पत्र में कई बिन्दुओं की ओर ध्यान आकृष्ट किया गया है।

उपाध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने बताया कि उदयपुर जिसे राजस्थान का कश्मीर भी कहा जाता है पूर्व का वेनिस भी कहा जाता है। आज उदयपुर विश्व प्रसिद्ध वेडिंग डेस्टिनेशन शहर के रूप में प्रख्यात है । यहां की खूबसूरत झीलें, अरावली की पहाड़ियां, विश्व प्रसिद्ध इतिहास, ऐतिहासिक मंदिर, त्याग बलिदान शौर्य की भूमि, बड़े-बड़े किले महल इत्यादि को देखने अनुभव करने देश विदेश से लोग उदयपुर आते हैं।

उन्होंने पत्र में कहा कि वर्तमान समय में उदयपुर में पर्यटकों की निरंतर वृद्धि हो रही है। भविष्य को देखते हुए उदयपुर में टूरिज्म के लिए एक मास्टर प्लान तैयार करना होगा जिसमें इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ नए पर्यटक स्थल, पार्किंग, सुव्यवस्थित यातायात प्रबंधन पर ध्यान दिया जाना आवश्यक होगा। आपसे विनम्र निवेदन है उदयपुर के पर्यटन को ध्यान रखते हुए इन सुझावों पर ध्यान दिया जाता है तो निश्चय ही आने वाले समय में उदयपुर को इससे बहुत बड़ा लाभ पर्यटन के क्षेत्र में होगा एवं इसके साथ ही सरकार की आमदनी भी बढ़ेगी एवं हजारों लोगों को प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी प्राप्त होगा।

पत्र में दिए गए सुझाव

1. उदयपुर शहर के आसपास चावंड, झाडोल, गोगुंदा में स्टैचू ऑफ यूनिटी की तर्ज पर महाराणा प्रताप की भव्य एवं ऐतिहासिक स्टैचू बनवानी चाहिए ।इसके बनने से हजारों लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे एवं उदयपुर और अधिक विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल के रूप में विकसित हो सकेगा। गुजरात स्थित स्टैचू ऑफ यूनिटी को पिछले पांच वर्षों में 1 करोड़ 75 लाख पर्यटकों द्वारा देखा गया है। उदयपुर में भव्य ऐतिहासिक स्टैचू बनने से पर्यटन बहुत अधिक प्रगति करेगा।

2. एडवेंचर जोन बनाकर एडवेंचर को प्रमोट किया जाना चाहिए एडवेंचर जोन बनने से एडवेंचर एक्टिविटीज को बल मिलेगा। पर्यटकों की रुचि एडवेंचर में बहुत अधिक रहती है।

3. एकलिंग जी, नाथद्वारा, हल्दीघाटी, घसियार, सांवरिया जी, द्वारकाधीश जी, चारभुजा जी, सास बहू मंदिर, रणकपुर इत्यादि तीर्थ स्थलों को सम्मिलित करते हुए संभाग स्तरीय धार्मिक सर्किट बनाए जाना चाहिए एवं इसके साथ ही महाकाल की तर्ज पर एकलिंग जी मंदिर को भी अधिक विकसित किया जा सकता है मंदिर के पीछे तालाब भी है तालाब का सौंदर्य भी बहुत अच्छा है।

4. पिछोला झील के चारों ओर रिंग रोड बनाकर उसे विकसित किया जाना चाहिए एवं पिछोला झील के घाटों को विकसित किया जाकर लाइटिंग, आरती की शुरुआत की जानी की चाहिए।

5. आयड स्थित महासतिया को विकसित किया जाकर पर्यटक स्थल के रूप में प्रमोट किया जा सकता है।

6. राजीव गांधी पार्क को विश्व स्तरीय उद्यान के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। वहां पर मैसूर की तर्ज पर म्यूजिकल फाउंटेन की स्थापना की जा सकती है जिससे बाहर से आने वाले पर्यटकों को एक नए पर्यटक स्थल के रूप में अनुभूति प्राप्त होगी।

7. उदयपुर संभाग में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा दिया जाना चाहिए बांसवाड़ा डूंगरपुर में पर्यटन की अपार संभावना है।

8. उदयपुर में फिल्म सिटी की स्थापना की जानी चाहिए।

इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने को लेकर सुझाव

1. विश्व स्तरीय टूरिस्ट इनफॉरमेशन सेंटर, रोड मैप, आधुनिकतम दिशा निर्देश बोर्ड तैयार करना।

2. प्रभावी यातायात नियंत्रण व्यवस्था एवं अधिकतम पार्किंग स्थलों को पार्किंग के लिए विकसित करना ।ओल्ड सिटी में यातायात का दबाव कम करने हेतु गुलाब बाग स्थित पार्किंग के यहां ई रिक्शा स्टैंड बनाकर ओल्ड सिटी में आने जाने के लिए अधिकतम ई रिक्शा का प्रयोग किया जाना चाहिए जिससे बाहर से आने वाले पर्यटक अपने वाहन पार्किंग स्थल पर खड़े करके ई-रिक्शा से सिटी पैलेस, जगदीश मंदिर, पिछोला झील, रोप-वे , गणगौर घाट,अमराई घाट पर आ जा सकेंगे ।इस व्यवस्था से ओल्ड सिटी में जाम भी काम हो जाएगा एवं प्रदूषण में भी कमी आएगी।

3. फतेहसागर पर पर्यटकों की संख्या सर्वाधिक रहती है यहां पर भी पर्यटन सीजन के दौरान जाम लगता है फतेहसागर के आसपास नए पार्किंग स्थल विकसित करने होंगे ।यहां पर भी ई रिक्शा चालू किये जाने चाहिए।

4. उदयपुर पर्यटन नगरी है यहां पर रात्रि कालीन फूड कोर्ट एवं नाइट बाजार की व्यवस्था शुरू की जाए जानी चाहिए जिससे की रात को बाहर से आने वाले पर्यटकों को खाने के लिए इधर-उधर भटकना न पड़े।

5. आधुनिकतम सार्वजनिक शौचालय का निर्माण किया जाना चाहिए एवं पूर्व में स्थापित शौचालयों की स्थिति में सुधार किया जाना चाहिए।

होटल व्यवसायियों की प्रमुख मांगें

1. लाइसेंस प्रक्रिया में सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया जाना चाहिए।

2. गत सरकार द्वारा हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र को इंडस्ट्री का दर्जा दिया गया है परंतु पूर्ण रूप से अभी तक इंडस्ट्री दर्जे का फायदा होटल व्यवसाय को नहीं मिला है अतः इंडस्ट्री के सभी लाभ होटलों को मिलने चाहिए।

3. होटलों को प्रदूषण विभाग से कंसेंट लेनी होती है। 50 कमरों तक की कैटेगरी को ग्रीन कैटेगरी में शामिल किया जाना चाहिए एवं अन्य कैटगरी में भी लाइसेंस 20 वर्षों के लिए एक साथ दिए जाने चाहिए ।
इसी के साथ विभाग द्वारा कहीं पर लेंड कन्वेंशन की भी अनिवार्यता की गई है। लैंड कन्वर्शन की अनिवार्यता भी खत्म की जानी चाहिए।

4. नगर निगम द्वारा लाइसेंस 15 वर्षों के लिए दिए जाने चाहिए । पूर्व में कुछ समय के लिए उदयपुर नगर निगम द्वारा होटलों को 10 वर्ष के लाइसेंस भी जारी हुए थे ।

5. कुछ क्षेत्रों को चिन्हित कर कम दरों पर जमीन आवंटन होटल रिसोर्ट के लिए किया जाना चाहिए।

6. होटल में बार लाइसेंस फीस को कम किया जाना चाहिए ।

पर्यटन बढ़ाने के लिए सुझाव

1. उदयपुर एयरपोर्ट का विस्तार कर शीघ्र ही फ्लाइट की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए एवं अंतर्राष्ट्रीय फ्लाइट्स भी शुरू की जानी चाहिए ।

2. उदयपुर से ट्रेनों की कनेक्टिविटी को बढ़ाया जाए, नई ट्रेनें प्रारंभ की जाए, उदयपुर से मुंबई वाया अहमदाबाद सूरत वडोदरा बांद्रा होकर ट्रेन चलाई जानी चाहिए, अहमदाबाद के रास्ते नई ट्रेनें साउथ से कनेक्ट की जाए। ट्रेनों की संख्या बढ़ने से पर्यटकों की संख्या में बहुत अधिक वृद्धि होगी। साउथ से कनेक्ट होने पर उदयपुर संभाग के स्थानीय लोगों को भी आने-जाने में सुविधा रहेगी।

3. राजस्थान पर्यटन विभाग द्वारा उदयपुर सहित राजस्थान के पर्यटन को बढ़ाने के लिए देश-विदेश में अधिक से अधिक सोशल मीडिया, ब्लॉगर्स इत्यादि के माध्यम से अधिक से अधिक प्रमोट किया जाना चाहिए।