नई दिल्ली, 28 फरवरी । प्रसिद्ध समग्र स्वास्थ्य प्रशिक्षक और ल्यूक कॉउटिन्हो होलिस्टिक हीलिंग सिस्टम के सह-संस्थापक ल्यूक कॉउटिन्हो ने शुक्रवार को नई दिल्ली के आरके पुरम में कुसुमपुर पहाड़ी के आंगनवाड़ी केंद्रों का दौरा किया और पोषण अभियान के कार्यान्वयन के प्रत्यक्ष रूप से साक्षी बने। यह यात्रा भारत सरकार की सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 (मिशन पोषण 2.0) के माध्यम से कुपोषण से निपटने की प्रतिबद्धता के अनुरूप है, जिसमें सामाजिक व्यवहार परिवर्तन और सामुदायिक भागीदारी एक प्रमुख घटक है।

अपने इस यात्रा के दौरान कॉउटिन्हो ने समुदाय में पोषण और प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा को मजबूत बनाने में जुटे प्रमुख हितधारक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने आंगनवाड़ी केंद्र में बच्चों के साथ भी बातचीत की और सभी को अच्छे पोषण और स्वस्थ जीवन शैली के लिए प्रेरित किया। ल्यूक कॉउटिन्हो ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मोटापा विरोधी अभियान और खाना पकाने में खाद्य तेल के उपयोग को कम करने के आह्वान की प्रशंसा की। ल्यूक ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा पोषण अभियान के अंतर्गत वार्षिक जन आंदोलन अर्थात पोषण माह और पोषण पखवाड़ा के माध्यम से जागरुकता और सामुदायिक एकजुटता के संदर्भ में भी चर्चा की।

उन्होंने अच्छे पोषण के लिए परिवार में पुरुषों की भागीदारी पर जोर दिया। उन्होंने पूरक पोषण कार्यक्रम में बाजरे के उपयोग और सक्षम आंगनवाड़ी और मिशन पोषण 2.0 के तहत ‘पोषण ट्रैकर’ एप्लिकेशन के माध्यम से पोषण सेवाओं की वास्तविक समय पर ट्रैकिंग के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग की मंत्रालय की पहल की भी सराहना की।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की संयुक्त सचिव पल्लवी अग्रवाल ने बताया कि 18 मार्च से 2 अप्रैल 2025 तक संचालित होने वाले 7वें पोषण पखवाड़ा 2025 के लिए बच्चों में मोटापे की समस्या से निपटने के लिए स्वस्थ जीवनशैली पर बल दिया गया है। इसके अलावा जीवन के पहले 1000 दिनों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, लाभार्थी मॉड्यूल को लोकप्रिय बनाया जाएगा और सीएमएएम मॉड्यूल के कार्यान्वयन के माध्यम से कुपोषण का प्रबंधन किया जाएगा।

दैनिक आहार में स्थानीय रूप से उपलब्ध भोजन को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए, ल्यूक कॉउटिन्हो ने करी पत्ते का पौधरोपण भी किया। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की संयुक्त सचिव ने उन्हें महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा परिकल्पित और दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा संकलित ‘पोषण उत्सव पुस्तक’ की एक प्रति भेंट की। यह देश की समृद्ध पाक विरासत और पोषण विविधता की सराहना के लिए एक व्यापक संग्रह के रूप में कार्य करती है।

कॉउटिन्हो की इस यात्रा से समग्र पोषण और प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा के महत्व के बारे में अधिक जागरुकता जगने की उम्मीद है, जिससे एक स्वस्थ और बेहतर पोषित भारत के निर्माण के सामूहिक मिशन को बल मिलेगा। उल्लेखनीय है कि पोषण ट्रैकर एप्लीकेशन एक उन्नत आईटी गवर्नेंस टूल है जो आंगनवाड़ी केंद्रों पर बुनियादी ढांचे और सेवा वितरण की निगरानी करता है। 24 भाषाओं में उपलब्ध इस उपकरण ने लगभग वास्तविक समय में डेटा संग्रह और लक्षित हस्तक्षेप की सुविधा प्रदान की है, जिससे लाभार्थियों के लिए बेहतर सेवा दक्षता सुनिश्चित हुई है।