नई दिल्ली, 2 मार्च। लखनऊ के स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने धोखाधड़ी मामले में प्रयागराज के एक बैंक के पूर्व शाखा प्रबंधक और निजी फर्म के निदेशक को दोषी ठहराते हुए दोनों को तीन-तीन साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही दोनों पर कुल 2.80 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। वहीं निजी फर्म पर 85 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
सीबीआई के मुताबिक कोर्ट ने प्रयागराज स्थित यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व शाखा प्रबंधक बीएन दीक्षित और मेसर्स माया एग्रो प्रोडक्ट्स लिमिटेड के निदेशक अशोक मित्रा को तीन-तीन साल के कारावास की सजा सुनाई गई है। दोनों पर कुल 2.80 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। निजी फर्म मेसर्स माया एग्रो प्रोडक्ट्स लिमिटेड पर 85 हजार का जुर्माना लगाया गया है।
इस धोखाधड़ी से सरकारी खजाने को 12.45 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। सीबीआई ने शिकायत के आधार पर 31 मार्च 2004 को दोनों आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।