कोलकाता, 05 मार्च । केंद्रीय निर्वाचन आयोग इस बार लोकसभा चुनाव में मतदान प्रक्रिया पर नजर रखने के लिए केंद्रीय एजेंसी का सहारा लेने जा रहा है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने मंगलवार को कई केंद्रीय एजेंसियों का एक संयुक्त पोर्टल बनाने की घोषणा की।
लोकसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के लिए रविवार शाम को मुख्य चुनाव आयुक्त के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल पहुंची चुनाव आयोग की टीम ने मंगलवार को कोलकाता में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसके पहले आयोग ने 22 केंद्रीय एजेंसियों के साथ बैठक की। आयोग ने राज्य के राजनीतिक दलों के साथ सर्वदलीय बैठक भी की। बैठक में तृणमूल समेत कुल आठ पार्टियां थीं।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन सभी शिकायतों का जिक्र किया जो राजनीतिक दलों की ओर से बैठक की गई थी। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि धनबल के साथ-साथ बाहुबल के इस्तेमाल की भी शिकायतें दर्ज की गई हैं। उन्होंने कहा उन्हें शिकायत मिली है कि नौकरशाही निष्पक्षता से मतदान नहीं कराती है। आयोग ने कहा कि वे मतदान से पहले और मतदान के बाद की हिंसा को रोकने की कोशिश करेंगे। राजीव कुमार ने कहा कि एक को छोड़कर सभी पार्टियों ने अतिरिक्त केंद्रीय बलों की मांग की है।
आयोग के सूत्रों के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय या आयकर विभाग जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियां भी चुनाव में कालेधन और अवैध धन लेनदेन पर नजर रखेंगी।
राजीव कुमार ने बताया कि इस बार राज्य में 80 हजार से ज्यादा बूथों पर वोटिंग होगी। इस बार नए मतदाताओं की संख्या 15 लाख 25 हजार है। उन्होंने कहा कि राज्य के कम से कम 50 फीसदी बूथों पर निगरानी के लिए सीधी ”वेब कास्टिंग” की जाएगी। आम नागरिकों को भी चुनाव से जुड़ी कोई शिकायत मिले तो वे सिविल ऐप के जरिए शिकायत दर्ज करा सकते हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि चुनाव आयोग स्वतंत्र और शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बंगाल का 14वां पर्व बताते हुए कहा कि हम चाहते हैं कि लोग उत्सव के मूड में मतदान करें।