
चंडीगढ़, 17 जुलाई। पंजाब में भिखारियों की लगातार बढ़ रही संख्या को देखते हुए सरकार के निर्देशों पर इन्हें हिरासत में लेना शुरू कर दिया गया है। अब भिखारियों तथा उनके साथ भीख मांगने वाले बच्चों को डीएनए टेस्ट करवाया जाएगा। पंजाब में भिखारियों की लगातार बढ़ रही संख्या का मुद्दा विधानसभा में भी पूर्व समय के दौरान उठ चुका है।
सीआईडी ने इनपुट दिया है कि इनमें कुछ भिखारी संदिग्ध हैं। पूर्व समय के दौरान कुछ भिखारी असमाजिक गतिविधियों में लिप्त भी पाए गए हैं, जिसके चलते पंजाब सरकार ने सभी जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए हैं कि वे ऐसे बच्चों का डीएनए टेस्ट कराएं, जो संदेहास्पद परिस्थितियों में भीख मांगते दिखते हों। शक है कि कई मामलों में ये बच्चे उनके माता-पिता के नहीं होते और मानव तस्करी या जबरन मजदूरी का शिकार हो सकते हैं।
सरकार के आदेशों के बाद अमृतसर प्रशासन तुरंत हरकत में आ गया है। गुरुवार को अमृतसर के गोल्डन गेट इलाके में घूम रहे कई भिखारियों और उनके बच्चों को हिरासत में लिया गया। प्रशासन और पुलिस ने विशेष रूप से उन भिखारियों को पकड़ा, जो छोटे बच्चों को साथ लेकर भीख मांग रहे थे। इन बच्चों का शोषण किये जाने की आशंका है या वे उनके असली परिजन नहीं हैं। ऐसे मामलों में बच्चों का डीएनए टेस्ट करवाया जाएगा, ताकि यह पता चल सके कि वे सच में उनके माता-पिता हैं या नहीं। पंजाब सरकार ने इस मुहिम के तहत राज्य में 81 टीमें बनाई हैं, जो 8 जिलों के हॉट स्पॉट्स पर निगरानी रखेंगी। सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास विभाग पुलिस के सहयोग से यह अभियान चलाया जा रहा है।