कोलकाता, 11 मार्च। बैरकपुर संसदीय क्षेत्र से 2019 में भाजपा के टिकट पर जीत दर्ज करने वाले अर्जुन सिंह इस बार निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर अपना भाग्य आजमाने की योजना बना रहे हैं। 2021 के विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा छोड़कर तृणमूल में वापसी कर चुके अर्जुन सिंह को तृणमूल से टिकट नहीं मिला है। वह फिलहाल यहां से सांसद हैं और उम्मीद की जा रही थी कि तृणमूल कांग्रेस उन्हें टिकट देगी, लेकिन ममता बनर्जी ने जब उम्मीदवारों की घोषणा की तो उसमे अर्जुन सिंह का नाम नहीं था। खास बात यह है कि जिस समय उम्मीदवारों की घोषणा हुई उस समय अर्जुन सिंह खुद ब्रिगेड परेड मैदान में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ मंच पर थे।
जैसे ही उन्हें पता चला कि उन्हें टिकट नहीं मिला है तो वह तुरंत मंच छोड़कर निकल गए। ममता बनर्जी ने कहा कि जिन लोगों को टिकट लोकसभा में नहीं मिल पाया है उन्हें विधानसभा में शामिल किया जाएगा। हालांकि अब सूत्रों ने बताया है कि अर्जुन सिंह ने तृणमूल कांग्रेस से भी दूरी बनाने का मन बना लिया है। अब अगर वह भारतीय जनता पार्टी में आते भी हैं तो उन्हें टिकट मिलने के आसार नहीं है।
तृणमूल ने उनके संसदीय क्षेत्र से पार्थ भौमिक को टिकट दिया है। अब सूत्रों ने बताया है कि वह निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में है। अर्जुन सिंह के करीबी एक नेता ने बताया कि बैरकपुर संसदीय क्षेत्र हिंदी भाषा भाषियों का गढ़ है और यहां हार जीत का फैसला जूट मिल क्षेत्र के मजदूरों के वोट पर होता है। उनके बीच अर्जुन सिंह की अच्छी पैठ है और वह किसी भी पार्टी में रहें, बावजूद इसके इन मजदूरों के साथ उनका संबंध हमेशा बेहतर रहा है। इसलिए बैरकपुर संसदीय सीट पर वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे।