
गांधीनगर, 2 अगस्त। केंद्रीय राजस्व नियंत्रण प्रयोगशाला (सीआरसीएल) और राष्ट्रीय न्यायालयिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) हुआ। यह समझौता ज्ञापन भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के विशेष सचिव और सदस्य (सीमा शुल्क) सुरजीत भुजबल तथा एनएफएसयू के कुलपति डॉ. जे.एम. व्यास की अध्यक्षता में संपन्न हुआ।
सीआरसीएल और एनएफएसयू के बीच शनिवार को हुए इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम से संबंधित मामलों में अंतर-एजेंसी समन्वय को बढ़ाना और प्रवर्तन तंत्र को मज़बूत करना है। इस समझौता ज्ञापन पर सीआरसीएल के निदेशक वी. सुरेश और एनएफएसयू, गांधीनगर के परिसर निदेशक प्रो. (डॉ.) एस.ओ. जुनारे द्वारा हस्ताक्षर किए गए।
प्रोफेसर एस.ओ. जुनारे ने कहा कि यह समझौता ज्ञापन एनडीपीएस उल्लंघनों की जांच और उन पर मुकदमा चलाने की देश की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि करेगा। साथ ही, फोरेंसिक विज्ञान में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देगा। इस पारस्परिक सहयोग के अंतर्गत आम जनता में मादक पदार्थों से दूर रहने के प्रति जागरूकता पैदा करना और कानून प्रवर्तन कर्मियों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। इन सबके साथ ही वैज्ञानिक रूप से मान्य और न्यायालय स्वीकार्य फोरेंसिक साक्ष्य प्रस्तुत किए जाएंगे, जिससे कानून प्रवर्तन एजेंसियों को एनडीपीएस अधिनियम के तहत त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करने में और अधिक बल मिलेगा।
समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के दौरान, प्रणेश पाठक, मुख्य सीमा शुल्क आयुक्त, अहमदाबाद, शिव कुमार शर्मा, प्रधान सीमा शुल्क आयुक्त, अहमदाबाद, आर. अनंत, निदेशक, सीमा शुल्क-सीबीआईसी, डॉ. महेश कुमार, सीआरसीएल, नई दिल्ली, प्रो. (डॉ.) आस्था पांडे, प्रमुख, सीओई एनडीपीएस के अलावा एनएफएसयू के विभिन्न विद्यालयों के डीन, एसोसिएट डीन भी उपस्थित थे।————-