पासिंग आउट परेड

कर्नल मानवेंद्र सिवाच ने परेड की समीक्षा, अभिभावकों को मिला ‘गौरव पदक’

रामगढ़, 4 दिसंबर। झारखंड के रामगढ़ स्थित पंजाब रेजिमेंटल सेंटर के किला हरि ग्राउंड में बुधवार को अग्निवीरों की भव्य व गौरवशाली पासिंग आउट परेड आयोजित की गई। इस समारोह में अग्निवीर के छठे बैच और टेरिटोरियल आर्मी के पहले बैच के कुल 962 नव–सैनिक औपचारिक रूप से भारतीय सेना में शामिल हो गए।

कठोर ट्रेनिंग के बाद मिला देश सेवा का सम्मान

कुल 31 सप्ताह की कठिन, अनुशासित और तकनीकी सैन्य प्रशिक्षण पूरा करने के बाद अग्निवीर के 477 जवान ओर  टेरिटोरियल आर्मी के 485 जवान  शपथ ग्रहण और पासिंग आउट परेड में शामिल हुए।

इन जवानों को फिजिकल ट्रेनिंग, ड्रिल, अस्त्र-शस्त्र संचालन, फायरिंग, आईटी, ड्रोन वॉरफेयर, CBRN (Chemical, Biological, Radiological, Nuclear) प्रबंधन, और आधुनिक न्यू-वेपन सिस्टम की उन्नत ट्रेनिंग दी गई, ताकि वे भविष्य के युद्धक परिदृश्यों में सक्षम भूमिका निभा सकें।

परेड की समीक्षा पंजाब रेजिमेंटल सेंटर के कार्यवाहक कमांडेंट कर्नल मानवेंद्र सिवाच, विशिष्ट सेवा मेडल ने की। उन्होंने नव–सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि “अग्निवीरों ने कठिन प्रशिक्षण को पूरी लगन, अनुशासन और समर्पण से पूरा कर भारतीय सेना के उज्ज्वल भविष्य की मजबूत नींव रखी है।”

उन्होंने ट्रेनिंग स्टाफ और इंस्ट्रक्टर्स की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने युवाओं को जिम्मेदार, सक्षम और पेशेवर सैनिकों के रूप में तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

समारोह के दौरान 962 नव–सैनिकों ने संविधान की रक्षा, राष्ट्र की सुरक्षा, वर्दी के सम्मान और भारतीय सेना की गौरवशाली परंपराओं को बनाए रखने की शपथ ली। मैदान में गूंजते शपथ-वाक्यों ने वातावरण को देशभक्ति से भर दिया

अभिभावकों को मिला ‘गौरव पदक’

समारोह के अंत में सैन्य परंपरा के अनुसार सभी अभिभावकों को ‘गौरव पदक’ प्रदान किया गया। यह पदक उन माता-पिता के गर्व और सम्मान की प्रतीक धरोहर है, जिन्होंने अपने बेटे को देश की सेवा के लिए समर्पित किया है।

किला हरि ग्राउंड का यह ऐतिहासिक आयोजन न केवल युवा सैनिकों के लिए यादगार क्षण रहा, बल्कि अमर बलिदान, अनुशासन और समर्पण की सेना की गौरवशाली परंपरा को भी पुनर्स्थापित करता रहा।