भोपाल, 10 जनवरी। मध्य प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लाड़ली बहना योजना की पहली किस्त बुधवार को सिंगल क्लिक से जारी की। उन्होंने यहां कुशाभाऊ ठाकरे कॉन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में योजना की पात्र हितग्राहियों के खातों में सिंगल क्लिक के जरिए 1576.61 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए। करीब 1.29 करोड़ लाड़ली बहनों के खातों में 1250-1250 रुपये की राशि अंतरित की गई है। साथ ही मुख्यमंत्री ने सामाजिक न्याय विभाग की 12 पेंशन स्कीम के 56 लाख हितग्राहियों को 341 करोड़ रुपये भी ट्रांसफर किए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव दोपहर करीब 12 बजे कुशाभाऊ ठाकरे सभागार पहुंचे और कन्या पूजन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके साथ ही महिला सशक्तीकरण सप्ताह प्रारंभ हो गया, जो 15 जनवरी तक चलेगा। इसमें जिलों में अलग-अलग कार्यक्रम होंगे। महिला सशक्तीकरण एवं युवा ऊर्जा पर केंद्रित इस उत्सव की शुरुआत मुख्यमंत्री ने प्रतीकस्वरूप पांच महिलाओं को उपहार में कंगन और मिठाई देकर की। इसे मकर संक्रांति उत्सव नाम दिया गया है। महिला सशक्तीकरण सप्ताह के अंतर्गत जिला स्तर पर लाड़ली लक्ष्मी फ्रेंडली ग्राम पंचायतों, प्रतियोगी परीक्षाओं में चयनित बालिकाओं का सम्मान किया जाएगा। इसके साथ ही उल्लेखनीय कार्य करने वाले शौर्य दल के सदस्यों को भी सम्मानित किया जाएगा। ऐसी बालिकाएं, जिसने सूचना देकर स्वयं का बाल विवाह रुकवाया हो, उन्हें सम्मानित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा, मैं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद देता हूं। वह वाकई अद्भुत नेता हैं, जिनके लिए हम सबके मन में विशेष आदर, प्रेम, स्नेह है। उनके द्वारा कदम-कदम पर जिस तरह की योजनाएं बनाई जा रही हैं, जिस प्रकार से वह काम कर रहे हैं, वह अद्भुत है। पूरी दुनिया उनका लोहा मानती है। यहां तक पड़ोसी देश पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान भी कह चुके हैं कि काश, मोदी हमारे देश में होते। प्रधानमंत्री मोदी के कुशल नेतृत्व में विगत 10 वर्षों में महिला सशक्तीकरण की दिशा में अभूतपूर्व कार्य हुए हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में आज से मकर संक्रांति उत्सव की शुरुआत हो रही है। मुझे प्रसन्नता है कि पहले दिन हम ‘मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना’ के अंतर्गत 1.29 करोड़ लाड़ली बहनों को कुल ₹1576 करोड़ की धनराशि उनके बैंक खातों में अंतरित की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम महिला सशक्तीकरण सप्ताह मनाने जा रहे हैं। यत्र नार्यस्तु पूज्यंते, रमंते तत्र देवता। हमारे देश में सदैव नारी की पूजा होती है। अन्य कोई देश या संस्कृति ऐसी नहीं, जहां बहन, बेटियों का सम्मान इस तरह किया जाता हो।