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कोलकाता, 27 नवम्बर । पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने गुरुवार को केन्द्र सरकार पर आरोप लगाया कि मध्याह्न भोजन योजना के लिए पर्याप्त धन आवंटित नहीं किया जा रहा है, जिसके कारण प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर के हजारों विद्यार्थियों पर असर पड़ रहा है।

आवश्यक वस्तुओं के दाम बढ़ने के बीच राज्य सरकार सप्ताह में दो बार अंडा और चिकन परोसने के फैसले कोे जारी रखने को लेकर किए गए एक सवाल के जबाव में मंत्री ने कहा कि सरकार हर हाल में तय नियम का पालन करेगी। विद्यार्थियों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना राज्य का निर्णय है और सीमित संसाधनों के बावजूद इसके लिए धन आवंटित किया गया है।

उन्होंने कहा कि अगर केन्द्र वास्तव में योजना को सही तरीके से चलाना चाहता, तो इतना कम आवंटन क्यों किया जाता। उनके अनुसार केन्द्र इस परियोजना से हाथ खींचने जैसा व्यवहार कर रहा है। राज्य की मध्याह्न भोजन योजना से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विद्यार्थियों को सप्ताह में दो दिन मछली, चिकन या अंडा देने के लिए राज्य सरकार ने पहले ही अतिरिक्त 7562.63 लाख रुपये जारी किए थे। इससे प्रति विद्यार्थी प्रति थाली लगभग चार रुपये का अतिरिक्त खर्च हुआ, जिसे पूरी तरह राज्य वहन कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस योजना का उद्देश्य विद्यालयों में नामांकन बढ़ाना, उपस्थिति सुधारना, ड्रॉपआउट घटाना और बच्चों के पोषण स्तर को मजबूत करना है।

प्रदेश प्रधानाध्यापक संघ के अध्यक्ष चंदन मैती ने कहा कि मौजूदा आवंटन में सप्ताह में दो बार अंडा, चिकन और फल परोसना दिन-ब-दिन कठिन होता जा रहा है। किसी भी स्थिति में बच्चों की न्यूनतम पोषण आवश्यकताओं में कटौती नहीं की जा सकती। उनकेे अनुसार प्राथमिक छात्र के लिए 6.78 रुपये और उच्च प्राथमिक छात्र के लिए 10.17 रुपये का आवंटन पर्याप्त नहीं है, जिसके कारण कई बार शिक्षक और स्कूल समितियां अपने स्तर पर खर्च उठाती हैं ताकि बच्चे वंचित न रहें।