
कोलकाता, 12 नवम्बर। पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन (एसएससी) से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान बुधवार को कलकत्ता हाई कोर्ट में हंगामा और तालियों की गूंज से अदालत कक्ष गूंज उठा। स्थिति पर कड़ी नाराज़गी व्यक्त करते हुए न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने वकीलों के मुवक्किलों को कोर्टरूम से बाहर जाने का निर्देश दिया।
जानकारी के अनुसार, सुनवाई के समय अदालत में भीड़ उमड़ पड़ी थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास रंजन भट्टाचार्य पेश हुए थे। दोनों पक्षों के वकीलों के बीच बहस के दौरान अचानक कुछ लोगों ने एक पक्ष के तर्कों का समर्थन करते हुए जोरदार तालियां बजा दीं। इस पर न्यायमूर्ति सिन्हा ने तत्काल नाराज़गी जताई और उपस्थित मुवक्किलों को बाहर निकलने का आदेश दिया।
न्यायमूर्ति सिन्हा ने हल्के फिकरे में कहा, “क्या इस तरह दबाव बनाया जाता है!” इसके बाद उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि भविष्य में इस तरह के किसी भी मामले में मुवक्किलों को अदालत कक्ष में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि उनके अधिवेशन की सभी कार्यवाहियां सुबह से शाम तक लाइव प्रसारित होती हैं, इसलिए इच्छुक लोग ऑनलाइन देखकर अपनी जिज्ञासा शांत कर सकते हैं।
इस बीच, एसएससी के इस मामले में ‘10 नंबर देने या न देने’ को लेकर अदालत ने कोई टिप्पणी नहीं की। न्यायमूर्ति सिन्हा ने कहा कि चूंकि इस विषय पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है, इसलिए कलकत्ता हाई कोर्ट समान मुद्दे पर दायर याचिकाओं की सुनवाई फिलहाल नहीं करेगा।





