रांची, 23अक्टूबर । झारखंड के सीमांत जिले सिमडेगा में पिछले दो महीनों से चल रहे विशेष अभियान “ऑपरेशन रेड हंट” ने अपराधियों में खौफ पैदा कर दिया है।
इस अभियान के तहत पुलिस ने 104 स्थायी लाल वारंटों को निष्पादित किया है, जो सिमडेगा पुलिस के लिए बड़ी सफलता मानी जा रही है। अभियान का उद्देश्य लंबे समय से फरार चल रहे उन अपराधियों को पकड़ना है , जिनके खिलाफ कोर्ट से स्थायी वांट जारी हैं।
अभियान के तहत पुलिस ने अलग-अलग टीमों के जरिए लगातार छापेमारी कर अपराधियों को गिरफ्तार किया। कुल 51 वारंटी गिरफ्तार हुए, जबकि 6 ने खुद अदालत में आत्मसमर्पण किया। अभियान के दौरान यह भी पता चला कि 19 लाल वारंटी अब मर चुके हैं, जिनके दस्तावेज पुलिस ने कोर्ट को सौंप दिए। चार ऐसे वारंट वापस किए गए, जिनमें आरोपी या तो जेल में बंद हैं या जमानत मिल चुकी है।
इस पूरे अभियान ने पुलिस की पारदर्शिता और सक्रियता को दर्शाया है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि अब अपराधियों के बीच कानून का स्पष्ट डर दिखने लगा है। कई ऐसे फरार वारंटी जो पहले लंबे समय से छुपे थे, अब खुद थाने पहुंचकर आत्मसमर्पण करने लगे हैं। कई वारंटियों के रिश्तेदार पुलिस से संपर्क कर जानकारी दे रहे हैं।
अभियान से पहले सिमडेगा में कुल 309 लाल वारंट लंबित थे, जो अब लगभग 205 से भी कम रह गए हैं। यह संख्या तेजी से घटने से साफ पता चलता है कि पुलिस अपराध नियंत्रण में तेजी ला रही है। सिमडेगा एसपी एस अर्शी ने कहा कि अगला लक्ष्य दिसंबर तक शेष सभी वारंटों का निष्पादन करना है। उन्होंने साफ संदेश दिया है कि अब अपराधी कहीं भी छिप नहीं पाएंगे, चाहे वे जंगल में हों या दूसरे जिलों में।
