रांची,14 अक्टूबर। झारखंड उच्च न्यायालय ने नगर निगम और नगर निकाय का चुनाव अबतक नहीं कराने पर नाराजगी जतायी है। अदालत ने इसे अवमानना का मामला करार देते हुए भारत के निर्वाचन आयोग को नोटिस भी जारी किया है। उच्च न्यायालय ने चुनाव प्रक्रिया को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं।

झारखंड में नगर निगम और नगर निकाय चुनाव नहीं कराने के मामले में दायर अवमानना याचिका पर आज उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत के आदेश पर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, गृह सचिव वंदना डाडेल, नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव सुनील कुमार और अपर सचिव ज्ञानेंद्र कुमार हाजिर हुए। उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति आनंदा सेन की अदालत ने सुनवाई के दौरान राज्य में नगर निगम और नगर निकायों का चुनाव अबतक नहीं कराने पर नाराजगी जताई और इसे अवमानना का मामला करार देते हुए कहा कि राज्य की सरकार नगर निकायों में ओबीसी आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया के नाम पर चुनाव नहीं रोक सकती।

महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत को बताया कि ट्रिपल टेस्ट भी कराया जा चुका है, इसकी रिपोर्ट कैबिनेट को भेजी जाएगी। अनुमोदन मिलने के बाद राज्य सरकार झारखंड में नगर निगम और नगर निकायों का चुनाव करने की अनुशंसा राज्य निर्वाचन आयोग को भेजेगी। इस पर अदालत ने राज्य सरकार को नगर निगम और नगर निकायों के चुनाव कराने के संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग को अनुशंसा भेजने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया।

वहीं, राज्य निर्वाचन आयोग के अधिवक्ता सुमित गाड़ोदिया की ओर से चुनाव कराने के लिए तीन माह का समय मांगा गया, लेकिन उनकी मांग को खारिज करते हुए अदालत ने राज्य निर्वाचन आयोग को अगली सुनवाई में (10 नवंबर) को यह बताने के लिए कहा कि वह कितनी जल्दी (कबतक) राज्य में नगर निगम और नगर निकायों का चुनाव करा सकता है? अदालत ने अगली सुनवाई में भी मुख्य सचिव अविनाश कुमार, गृह सचिव वंदना डाडेल और नगर विकास सचिव को हाजिर रहने को कहा है।

रांची नगर निगम की निवर्तमान पार्षद रोशनी खलखो ओर रीना कुमारी की ओर से अवमानना याचिका दायर की गयी है, जिसमें उन्होंने नगर निगम और नगर निकाय चुनाव कराने के अदालत के आदेश का अनुपालन कराने की मांग की है। दोनों की याचिका पर सुनवाई करते हुए 4 जनवरी 2024 को नगर निकाय के चुनाव की तारीखें तीन हफ्ते के भीतर घोषित करने का आदेश दिया था। उच्च न्यायालय ने तब कहा था कि नगर निकायों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी चुनावों को लटकाए रखना संवैधानिक और स्थानिक ब्रेकडाउन है।

उल्लेखनीय है कि झारखंड में वर्ष 2020 के जून माह से 12 शहरी निकायों में चुनाव नहीं हुआ है। कई नगर निगम का संचालन बिना चुनाव कराये हो रहा है।राज्य में सभी नगर निकायों का कार्यकाल भी अप्रैल 2023 में ही समाप्त हो गया है। नए कार्यकाल के लिए चुनाव 27 अप्रैल, 2023 तक करा लिए जाने चाहिए थे, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया है। इसके पीछे की वजह यह है कि राज्य सरकार ने नगर निकायों का नया चुनाव कराने के पहले ओबीसी आरक्षण का प्रतिशत तय करने के लिए राज्य में ट्रिपल टेस्ट कराने का फैसला लिया है और इसकी प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हुई है।