नई दिल्ली, 18 दिसंबर। लोकसभा और राज्यसभा में सोमवार को विपक्ष ने एक बार फिर संसद की सुरक्षा में चूक का मुद्दा उठाया। सदस्य इस दौरान प्लेकार्ड लेकर पहुंचे और सरकार पर मामले में जवाब देने को लेकर दवाब डालने लगे। दोनों सदनों में नारेबाजी के चलते कार्यवाही बाधित रही। इस दौरान विरोध कर रहे विपक्ष के सांसदों पर कार्रवाई की गई और कुल 78 सांसदों को दोनों सदनों से निलंबित किया गया। 14 सांसदों को पहले ही सदन से निलंबित किया जा चुका है, जिससे इनकी कुल संख्या 92 हो गई है।

इस दौरान लोकसभा से डाकघर विधेयक, 2023 और राज्यसभा से जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2023 केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पारित किया गया। दोनों विधेयक दोनों सदनों से पारित होने के कारण संसद की मंजूरी पा गए हैं।

लोकसभा में संसदीय कार्यमंत्री ने विपक्ष से सहयोग की अपील की और कहा कि यह लोकसभा का अंतिम पूर्ण सत्र है और बहुत से विधायी कार्य बाकी हैं। विपक्ष सहयोग करे और सदन को चलने दे। लोकसभा में अध्यक्ष ओम बिरला ने भी विपक्षी सदस्यों से सदन को चलाने में सहयोग देने की अपील की। बिरला ने एक बार फिर दोहराया कि संसद परिसर की सुरक्षा की जिम्मेदारी उन पर है और इस संबंध में उन्होंने सभी दलों के नेताओं से चर्चा की है और इस संबंध में उचित कदम उठाए जाएंगे। सरकार से जहां सहयोग की आवश्यकता होगी, सहयोग लिया जाएगा। पूर्व में भी इस तरह की घटनाएं हुई हैं।

बिरला ने विरोध कर रहे सदस्यों से कहा कि कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में तय होने के बावजूद सदस्य प्लेकार्ड लेकर आ रहे हैं। इसके बाद सदन की कार्यवाही पहले 12 फिर 2 बजे फिर 2.45 और तीन बजे तक के लिए स्थगित की गई। तीन बजे कार्यवाही शुरू होने पर संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने 30 सदस्यों को वर्तमान सत्र के बाकी कार्यकाल के लिए निलंबित किये जाने का प्रस्ताव रखा। साथ ही उन्होंने तीन सदस्यों का मामला आचार समिति को भेजे जाने और समिति की रिपोर्ट आने तक उन्हें निलंबित किए जाने का प्रस्ताव रखा। प्रस्ताव को ध्वनिमत से मंजूर कर लिया गया।

उधर, राज्यसभा की कार्यवाही भी दिनभर प्रभावित रही। राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने सदस्यों को चेतावनी दी। इसके कारण कार्यवाही दिनभर बाधित रही। शाम को 4.30 बजे कार्यवाही शुरू होने पर सभापति ने कुछ सदस्यों को नाम लेकर उन्हें अनुचित आचरण करने पर चेताया। इसके बाद नेता सदन पीयूष गोयल ने 34 सांसदों को सदन से बाकी कार्यकाल के लिए निलंबित किए जाने का प्रस्ताव रखा। ग्यारह सांसदों का मामला आचार समिति को भेजे जाने और तब तक उन्हें निलंबित रखने का प्रस्ताव रखा। प्रस्ताव को ध्वनिमत से स्वीकार कर लिया गया।

लोकसभा से सोमवार को निलंबित सांसदों में कल्याण बनर्जी, ए राजा, दयानिधि मारन, अपारूपा पोद्दार, प्रसून बनर्जी, ई टी मोहम्मद बशीर, गणेशन सेल्वम, सी एन अन्नादुरई, अधीर रंजन चौधरी, टी सुमति, के एन कनि, एन के प्रेमचंद्रन, शताब्दी रॉय, सौगत रॉय, कौशलेंद्र कुमार, एन्टो एंटनी, एस एस पलनिमणिक्कम, प्रतिमा मंडल, काकोली घोष, दस्तीदार, के मुरलीधरन, सुनील कुमार मंडल, एस रामालिंगम, सुरेश के, डॉ अमर सिंह, टी आर बालू, एस तिरुवुकरशर, गौरव गोगोई, राजमोहन उन्नीथन, डॉ के वीरास्वामी, असित कुमार मल शामिल हैं। इनके अलावा डॉ के जयकुमार, अब्दुल खलिक, विजय वसंत का नाम आचार समिति को भेजा गया है।

राज्यसभा से निलंबित सांसदों में प्रमोद तिवारी, जयराम रमेश, अमी याजनिक, नारणभाई जे. राठवा, सैयद नासिर हुसैन, मती फूलो देवी नेताम, शक्तिसिंह गोहिल, के.सी.वेणुगोपाल, मती रजनी अशोकराव पाटिल, मती रंजीत रंजन, इमरान प्रतापगढ़ी, रणदीप सिंह सुरजेवाला, सुखेन्दु शेखर रे, मोहम्मद नदीमुल हक, अबीर रंजन विश्वास, शांतनु सेन, मती मौसम नूर, प्रकाश चिक बड़ाइक, समीरुल इस्लाम, एम. शनमुगम, एन.आर.एलंगो, कनिमोझी एनवीएन सोमू, आर. गिरिराजन, प्रो.मनोज कुमार झा, फैयाज अहमद, वी. सिवादासन, रामनाथ ठाकुर, अनिल प्रसाद हेगड़े, मती वन्दना चव्हाण, प्रो. रामगोपाल यादव, जावेद अली खान, मती महुआ माजी, जोस के. मणि, अजित कुमार भुइयां शामिल हैं। इनके अलावा जेबी माथेर हिशाम, एल. हनुमंथैया, नीरज डांगी, राजमणि पटेल, कुमार केतकर, जी. सी. चन्द्रशेखर, बिनॉय विश्वम, सन्दोश कुमार पी, एम. मोहम्मद अब्दुल्ला, जॉन ब्रिटास, और ए. ए. रहीम का नाम आचार समिति को भेजा गया है।

उल्लेखनीय है कि 14 सदस्यों को पहले ही संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में गुरुवार को निलंबित किया गया था। विपक्ष के हंगामे के चलते लोकसभा से 13 सदस्यों और राज्यसभा से एक सदस्य को शीतकालीन सत्र से निलंबित किया गया था। राज्यसभा से तृणमूल सांसद डेरेक-ओ-ब्रायन को उनके अनुचित आचरण के चलते निलंबित किया गया और उनका मामला आचार समिति को भेजा गया। लोकसभा में पहले कांग्रेस के पांच सांसदों टीएन प्रतापन, हिबी हिडन, जोथिमनी, राम्या हरिदास, डीन कुरियाकोस को सदन की कार्यवाही से निलंबित किया गया। इसके बाद भी हंगामा जारी रहने पर सदस्य वीके श्रीकंदन, बेनी बेहनन, मोहम्मद जावेद, पीआर नटराजन, कनिमोझी, के सुब्रमण्यम, एसआर पार्थिबन, एस वेंकटेशन और मनिकम टैगोर को भी सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया।