
नई दिल्ली, 28 अगस्त। इलेक्ट्रिक ट्रांसफॉर्मर बनाने वाली कंपनी मंगल इलेक्ट्रिकल के शेयरों ने आज स्टॉक मार्केट में कमजोर शुरुआत करके अपने आईपीओ निवेशकों को निराश कर दिया। आईपीओ के तहत कंपनी के शेयर 561 रुपये के भाव पर जारी किए गए थे। आज बीएसई पर इसकी लिस्टिंग 558 रुपये के स्तर पर और एनएसई पर 556 रुपये के स्तर पर हुई। इस तरह स्टॉक मार्केट में एंट्री करने के साथ ही कंपनी के आईपीओ निवेशकों को नुकसान का सामना करना पड़ा। हालांकि लिस्टिंग के बाद लिवाली शुरू हो जाने के कारण कंपनी के शेयर उछल कर 565 रुपये के स्तर तक भी पहुंचे, लेकिन बाद में बिकवाली का दबाव बन जाने की वजह से इसके भाव में गिरावट आ गई। पूरे दिन के कारोबार के बाद मंगल इलेक्ट्रिकल के शेयर 533.95 रुपये के स्तर पर बंद हुए। इस तरह पहले दिन के कारोबार के बाद कंपनी के आईपीओ निवेशकों को 4.82 प्रतिशत का नुकसान हो गया।
मंगल इलेक्ट्रिकल का 400 करोड़ रुपये का आईपीओ 20 से 22 अगस्त के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों की ओर से अच्छा रिस्पॉन्स मिला था, जिसके कारण ये ओवरऑल 9.95 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इनमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए रिजर्व पोर्शन 11.09 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसी तरह नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (एनआईआई) के लिए रिजर्व पोर्शन में 19.78 गुना सब्सक्रिप्शन आया था। इसके अलावा रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व पोर्शन 5.09 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इस आईपीओ के तहत 10 रुपये फेस वैल्यू वाले 71,30,124 नए शेयर जारी किए गए हैं। आईपीओ के जरिये जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कंपनी अपने पुराने कर्जों का बोझ कम करने, वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।
कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो प्रॉस्पेक्टस में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत में उतार चढ़ाव होता रहा है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 24.74 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में घट कर 20.95 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। इसके बाद 2024-25 में कंपनी की स्थिति में सुधार हुआ, जिससे शुद्ध लाभ उछल कर 47.31 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का राजस्व 11 प्रतिशत वार्षिक से अधिक की चक्रवृद्धि दर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) से बढ़ कर 551.39 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस अवधि में कंपनी पर लदे कर्ज के बोझ में भी उतार चढ़ाव होता रहा। वित्त वर्ष 2022-23 के आखिर में कंपनी का कर्ज 96.64 करोड़ रुपये, वित्त वर्ष 2023-24 के आखिर में 92.12 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024-25 के आखिर में कंपनी का कर्ज 149.12 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।