पूर्वी सिंहभूम, 19 जुलाई । पूर्वी सिंहभूम जिला समाहरणालय सभागार में शनिवार को उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी के निर्देश पर विकास योजनाओं की समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता उप विकास आयुक्त ने की। समीक्षा में अनाबद्ध निधि, डीएमएफटी, नीति आयोग फंड, सांसद-विधायक निधि, सीएसआर, खेल एवं पर्यटन से जुड़ी योजनाओं की प्रगति पर चर्चा हुई।

बैठक में उप विकास आयुक्त ने कहा कि जरूरत के अनुसार प्राथमिकता के आधार पर योजनाएं स्वीकृत की जाती हैं, इसलिए कार्यदायी एजेंसियां तय समयसीमा में गुणवत्तापूर्ण कार्य पूरा करें। पुल-पुलिया, पहुंच पथ, पीसीसी रोड, पेयजल स्रोत, स्कूलों में कमरा निर्माण की योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए उन्होंने निर्देश दिया कि कार्य में देरी की स्थिति में तकनीकी जांच रिपोर्ट समर्पित कर नई टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाए। शिथिलता और लापरवाही बरतने वाले संवेदकों पर नियम संगत कार्रवाई करने को भी कहा गया। साथ ही, अभियंत्रण विभागों को समय पर कार्य पूर्ण कराने की जिम्मेदारी तय करने, निरीक्षण कर भौतिक स्थिति जांचने के निर्देश दिए गए।

नीति आयोग से प्राप्त राशि से पीवीटीजी क्षेत्रों के 130 आंगनबाड़ी केंद्रों के सुदृढ़ीकरण और वॉल पेंटिंग का कार्य कराया जा रहा है। जिला समाज कल्याण पदाधिकारी को सभी केंद्रों का भौतिक सत्यापन कर जांच रिपोर्ट देने को कहा गया।

डीएमएफटी फंड से वित्तीय वर्ष 2025-26 में स्वीकृत 60 आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण के लिए जमीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए अभियंत्रण विभागों को अंचल अधिकारियों से समन्वय बनाने और जल्द टेंडर प्रक्रिया पूरी कर निर्माण शुरू कराने का निर्देश दिया गया।

सीएसआर मद से पथ सुदृढ़ीकरण, चापाकल अधिष्ठापन, स्वास्थ्य सेवाओं का सुदृढ़ीकरण, मोबाइल मेडिकल यूनिट, एंबुलेंस, दवा खरीदारी, गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों को पूरक पोषाहार उपलब्ध कराने के प्रस्तावों पर चर्चा की गई। उप विकास आयुक्त ने कहा कि उपबंधित राशि का समुचित उपयोग कर अधिकतम लोगों को लाभान्वित किया जाए।

सांसद और विधायक निधि की समीक्षा में सभी कार्यदायी एजेंसियों को निर्देश दिया गया कि अपूर्ण योजनाओं में तेजी लाएं। जनप्रतिनिधियों द्वारा अनुशंसित कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर पारदर्शिता के साथ पूर्ण करें। उन्होंने योजनाओं की भौतिक प्रगति के साथ-साथ वित्तीय उपयोगिता पर विशेष ध्यान देने की बात कही।

खेल एवं पर्यटन विकास से जुड़ी योजनाओं की भी समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। उप विकास आयुक्त ने कहा कि कोई भी योजना शुरू होने से पहले जनप्रतिनिधियों को सूचित करें, इसमें कोताही न हो। सकारात्मक दृष्टिकोण से विकास योजनाओं को जमीन पर उतारें।

बैठक में सिविल सर्जन डॉ साहिर पाल, निदेशक एनईपी संतोष गर्ग, जिला योजना पदाधिकारी मृत्युंजय कुमार, जिला पंचायती राज पदाधिकारी रिंकू कुमारी, जिला कल्याण पदाधिकारी शंकराचार्य समद, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी संध्या रानी, एनआरईपी, विशेष प्रमंडल, भवन निर्माण, जिला परिषद, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग सहित अन्य विभागों के पदाधिकारी उपस्थित रहे।