
कोलकाता, 19 जुलाई ।
पश्चिम बंगाल भाजपा के वरिष्ठ नेता दिलीप घोष ने दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से मुलाकात कर अन्य पार्टियों, खासकर तृणमूल कांग्रेस से भाजपा में आए नेताओं को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने शनिवार को बताया कि दिलीप घोष ने जेपी नड्डा से मुलाकात के दौरान बंगाल के राजनीतिक हालात की जानकारी दी है। इसमें खास तौर पर सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस से भाजपा में आए कुछ नेताओं को लेकर तीखी नाराजगी जताई है। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि अगर इन नेताओं पर लगाम नहीं लगा तो बंगाल में दशा और बुरी होगी। खास तौर पर शुभेंदु अधिकारी और अर्जुन सिंह जैसे नेताओं को लेकर दिलीप घोष ने तीखी नाराजगी जाहिर की है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, यह बैठक लगभग 40 मिनट चली, जिसमें दिलीप घोष ने भाजपा में अन्य दलों से आए कुछ नेताओं के व्यवहार को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की। हालांकि बैठक के बाद दिलीप घोष ने सीधे तौर पर कुछ भी कहने से बचते हुए सिर्फ इतना कहा, “हमारे बीच बहुत सारी बातें हुईं।”
गौरतलब है कि अप्रैल के अंत में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आमंत्रण पर दिलीप घोष दीघा में आयोजित जगन्नाथ मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए थे, जिससे पार्टी के भीतर विवाद गहराया। इसके बाद उन्हें प्रदेश भाजपा अध्यक्ष शमिक भट्टाचार्य के स्वागत समारोह में भी नहीं बुलाया गया। हालांकि बाद में शमिक की मध्यस्थता से कुछ दूरी कम हुई, और घोष ने खुद घोषणा की थी कि वह प्रधानमंत्री की दुर्गापुर रैली में जरूर जाएंगे।
उन्होंने यह भी कहा था कि अगर मंच पर जगह नहीं मिली, तो वह कार्यकर्ताओं के बीच बैठकर प्रधानमंत्री का भाषण सुनेंगे। लेकिन ऐन मौके पर, गुरुवार रात उन्होंने अपना फैसला बदलते हुए कहा कि उनकी उपस्थिति से पार्टी असहज हो सकती है, इसलिए वह सभा में नहीं जाएंगे।
यह पहला मौका नहीं है जब दिलीप घोष को प्रधानमंत्री की सभा से दूर रहना पड़ा। कुछ महीने पहले अलीपुरद्वार की सभा में भी उन्हें आमंत्रण नहीं मिला था, तब उन्होंने घर पर बैठकर टेलीविजन पर मोदी का भाषण सुना था और उसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा की थीं।
लेकिन इस बार उन्होंने घर पर न बैठकर सीधे दिल्ली की राह पकड़ी और सुबह की उड़ान से नड्डा के आवास पहुंचे। शुरुआती समय में नड्डा वहां मौजूद नहीं थे, लेकिन दोपहर बाद दिलीप घोष की गाड़ी दोबारा उनके घर पहुंची और तभी दोनों के बीच बैठक हुई।
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में घोष ने जहां कुछ नेताओं के व्यवहार पर नाराजगी जताई, वहीं नड्डा ने भी उन्हें अनावश्यक बयानबाज़ी से बचने की सलाह दी। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, “बैठक में क्या तय हुआ, इसका असर आने वाले दिनों में देखने को मिलेगा। दिलीप घोष के राजनीतिक भविष्य की दिशा शायद इसी चर्चा में तय हो गई है।”
अब निगाहें 21 जुलाई पर टिकी हैं, जब कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस की वार्षिक रैली होने वाली है। खुद घोष पहले ही संकेत दे चुके हैं कि वह उस दिन किसी सभा में ‘चौंकाने’ वाले अंदाज़ में सामने आ सकते हैं। नड्डा से हुई बातचीत के बाद अगले तीन दिनों में उनकी राजनीतिक चाल क्या मोड़ लेती है, इस पर सबकी नज़रें टिकी हैं।