
रांची, 23 जून । मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि अगर झारखंड में परिसीमन होता है तो आदिवासियों के लिए आरक्षित सीटें पूर्ववत आरक्षित रहनी चाहिए, अन्यथा यह आदिवासी अस्मिता के लिए बड़ा खतरा होगा।
मंत्री सोमवार को दिल्ली स्थित 10 जनपथ में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की अध्यक्षता में आयोजित ऑल इंडिया आदिवासी कांग्रेस की बैठक में बोल रहीं थी। मौके पर मंत्री तिर्की ने झारखंड के आदिवासियों से जुड़े कई गंभीर मुद्दे भी उठाए।
उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से 2016 से पूर्व की जनगणना व्यवस्था का जिक्र करते हुए सरना धर्म कॉलम की पुनर्बहाली की मांग की, ताकि प्रकृति पूजक आदिवासी समाज को पहचान मिल सके।
झारखंड में जमीन विवादों पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने लैंड डिजिटाइजेशन के नाम पर रैयतों को उन्हीं की जमीन से बेदखल करने की साजिश रची थी। गलत लैंड रिकॉर्ड, पंजी-2 की गड़बड़ियों के कारण आदिवासी परिवार अंचल कार्यालय और कोर्ट के चक्कर काट रहे हैं।
मंत्री ने राज्य में दोबारा भूमि सर्वे, ट्राइबल लीगल काउंसिल के गठन और गांव-गांव में भूमि सुधार कैंप लगाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि यह काउंसिल कानूनी मदद और मार्गदर्शन प्रदान करेगी।
जादूगोड़ा में न्यूक्लियर वेस्ट डंपिंग से हो रही बीमारियों पर भी उन्होंने चिंता जताई और प्रभावित परिवारों के पुनर्वास की मांग की। बैठक में आदिवासी कांग्रेस अध्यक्ष विक्रांत भूरिया, झारखंड प्रभारी के. राजू सहित कई राज्यों के आदिवासी सांसद-विधायक उपस्थित थे।